Rinku Singh: रिंकू सिंह बनेंगे BSA, 7 साल में पूरी करनी होगी ये शर्त, वरना नहीं मिलेगा प्रमोशन

Rinku Singh: रिंकू सिंह बनेंगे BSA, 7 साल में पूरी करनी होगी ये शर्त, वरना नहीं मिलेगा प्रमोशन


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Rinku Singh ki naukri, BSA: रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है. उन्हें 7 साल में शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी होगी.

Rinku Singh ki naukri, BSA, Rinku Singh, Sarkari Naukri: रिंकू सिंह की सरकारी नौकरी.

हाइलाइट्स

  • रिंकू सिंह बने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA).
  • 7 साल में शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी होगी.
  • योग्यता पूरी न करने पर प्रमोशन नहीं मिलेगा.
Rinku Singh ki naukri, BSA: टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रिंकू सिंह अब क्रिकेट के मैदान के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. खेल विभाग ने इस नियुक्ति का प्रस्ताव सरकार को भेजा है और मुख्यमंत्री से जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है,लेकिन इस नियुक्ति के साथ एक शर्त भी जुड़ी है. रिंकू सिंह को नियुक्ति के बाद 7 साल के भीतर आवश्यक शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी होगी. अगर वे ऐसा नहीं कर पाए,तो उन्हें इस पद पर प्रमोशन का अधिकार नहीं मिलेगा. बेसिक शिक्षा विभाग ने रिंकू को पत्र भेजकर उनके शैक्षणिक दस्तावेज और अन्य औपचारिकताएं जमा करने को कहा है.

7 साल के अंदर हासिल करनी होगी योग्‍यता

रिंकू सिंह की यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की उस नीति के तहत हो रही है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी सेवाओं में सम्मानजनक पद देती है, लेकिन BSA जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी है.रिंकू ने कक्षा 9 तक पढ़ाई की है.अब 7 साल के भीतर उन्‍हें आवश्यक डिग्री या योग्यता हासिल करनी होगी.बेसिक शिक्षा अधिकारी का पद प्राथमिक और उच्च प्राथमिक सरकारी स्कूलों की देखरेख, स्टाफ मैनेजमेंट, और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने जैसे बड़े दायित्वों के साथ आता है. इसलिए सरकार ने यह शर्त रखी है कि अगर रिंकू इस अवधि में योग्यता पूरी नहीं करते तो वे प्रमोशन के हकदार नहीं होंगे.

गैस सिलेंडर डिलीवरी करते थे पिता

अलीगढ़ के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले रिंकू सिंह का सफर प्रेरणादायक है.12 अक्टूबर 1997 को जन्मे रिंकू के पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे और रिंकू भी बचपन में इस काम में हाथ बटाते थे.क्रिकेट के प्रति उनकी दीवानगी ने उन्हें IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और फिर भारतीय क्रिकेट टीम तक पहुंचाया.रिंकू ने अपनी मेहनत और टैलेंट से न सिर्फ क्रिकेट में नाम कमाया, बल्कि अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके योगदान को सम्मान देते हुए उन्हें BSA जैसे बड़े पद की जिम्मेदारी सौंपी है.

अन्य खिलाड़ियों को भी मौका

रिंकू सिंह के साथ-साथ कई अन्य खिलाड़ियों को भी खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरियों में नियुक्ति की संस्तुति की गई है.पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को गृह विभाग में पुलिस उप अधीक्षक (DSP),हॉकी खिलाड़ी राजकुमार पाल को भी गृह विभाग में पुलिस उप अधीक्षक (DSP),जैवलिन थ्रोअर अजीत सिंह यादव को जिला पंचायतीराज अधिकारी,पैरा एथलीट प्रीति पाल को ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी और शॉटपुट थ्रोअर किरन बालियान को क्षेत्रीय वन अधिकारी नियुक्‍त किया गया है. ये सभी नियुक्तियां अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के तहत की जा रही हैं, और सभी खिलाड़ियों को जरूरी शैक्षणिक योग्यता और दस्तावेज जमा करने होंगे.

रिंकू की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में

रिंकू सिंह की पर्सनल लाइफ भी इन दिनों चर्चा में है.हाल ही में उनकी सगाई समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज के साथ लखनऊ में एक भव्य समारोह में हुई. इस समारोह में अखिलेश यादव, डिंपल यादव, जया बच्चन जैसे बड़े नेता शामिल हुए हालांकि उनकी शादी 18 नवंबर को वाराणसी में प्रस्तावित थी लेकिन क्रिकेट मैच के दौरान टाल दी गई.

क्या है चुनौती?

रिंकू सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी 7 साल के भीतर शैक्षणिक योग्यता पूरी करना.सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनकी नियुक्ति पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि रिंकू ने केवल 9वीं तक पढ़ाई की है, लेकिन सरकार ने साफ किया है कि यह नियुक्ति खेल कोटे के तहत है.रिंकू को योग्यता पूरी करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है.

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अब आगे क्‍या होगा?

रिंकू सिंह के लिए यह नियुक्ति न सिर्फ एक सम्मान है बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है.अगर वे 7 साल में शैक्षणिक योग्यता पूरी कर लेते हैं तो वे न केवल शिक्षा विभाग में अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं, बल्कि युवाओं के लिए एक मिसाल भी बन सकते हैं.अगर तुम भी अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं तो रिंकू सिंह की तरह हिम्मत और मेहनत से आगे बढ़ें.

Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ें

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