आईसीसी के ये चार नियम पूरी तरह बदलकर रख देंगे क्रिकेट का खेल

आईसीसी के ये चार नियम पूरी तरह बदलकर रख देंगे क्रिकेट का खेल


नई दिल्ली. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए समय समय पर नियमों में बदलाव करता रहता है. टेस्ट क्रिकेट को और भी रोचक बनाने के लिए आईसीसी ने कुछ नए नियम लागू किए हैं. अब में स्लो ओवर रन रेट से निपटने के लिए ‘स्टॉप क्लॉक’ की शुरुआत की है. ‘जानबूझकर’ शॉर्ट रन पर इससे फील्डिंग टीमों को यह तय करने का अधिकार होगा कि कौन सा बल्लेबाज स्ट्राइक पर होगा.

आईसीसी ने जो नए नियम बनाए हैं ये 2025-27 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र के लिए खेल की शर्तों का हिस्सा हैं. नए नियमों को 2025-2027 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से लागू किया गया है, जो श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच गाले में पहले दो टेस्ट मैचों के साथ शुरू हुई. आईसीसी टेस्ट मैच प्लेइंग कंडीशंस के अनुसार, स्टॉप क्लॉक का उपयोग – जैसे सीमित ओवरों के क्रिकेट में – धीमी ओवर गति की समस्या को खत्म करने के लिए किया गया है.

आईसीसी के नए नियम:

“फील्डिंग साइड को हर ओवर की शुरुआत में पिछले ओवर के खत्म होने के 60 सेकंड के भीतर करनी होगी. मैदान पर एक इलेक्ट्रॉनिक घड़ी प्रदर्शित की जाएगी जो शून्य से 60 सेकंड तक गिनती करेगी. फील्डिंग साइड को दो चेतावनियां दी जाएंगी और तीसरी बार नियम का पालन ना करने पर पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे. ये चेतावनियां 80 ओवर पूरे होने के बाद शून्य पर रीसेट हो जाएंगी.

सलाइवा उपयोग

ESPNcricinfo ने बताया कि आईसीसी अब अंपायरों को गेंद पर सलाइवा पाए जाने पर गेंद बदलने के लिए अनिवार्य नहीं करता है. सलाइवा के उपयोग पर प्रतिबंध लागू रहेगा. वेबसाइट ने कहा कि फील्डिंग टीमें गेंद बदलवाने के लिए जानबूझकर गेंद पर सलाइवा लगा सकती हैं, लेकिन पुरुषों के टेस्ट क्रिकेट के लिए खेल की शर्तों में ऐसा कोई बदलाव नहीं है.

डीआरएस कॉल्स

आईसीसी ने यह भी कहा कि अगर खिलाड़ी और ऑन-फील्ड अंपायर दोनों द्वारा रेफरल किए जाते हैं, तो घटना क्रम को सीक्वेंस में देखा जाएगा. यानी उनकी घटना के क्रम में. आईसीसी ने निर्देश दिया कि अगर ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा ‘आउट’ करार दिए गए फैसले की दूसरी समीक्षा होती है तो डिफॉल्ट फैसला ‘आउट’ रहेगा.
चलिए इसे हम आपको उदाहरण से समझाते हैं. अगर एक बल्लेबाज ऑन-फील्ड कॉल को चुनौती देता है और रीप्ले में दिखता है कि गेंद पैड पर लगी थी, तो टीवी अंपायर यह देखने के लिए आगे बढ़ेगा कि बल्लेबाज लेग-बिफोर आउट था या नहीं. इस स्थिति में, पहला फैसला ‘आउट’ रहेगा और अगर बॉल-ट्रैकिंग ‘अंपायर का कॉल’ दिखाता है, तो बल्लेबाज ‘आउट’ करार दिया जाएगा.

जानबूझकर शॉर्ट रन

आईसीसी ने बताया कि “जानबूझकर शॉर्ट रन वह होता है जब बल्लेबाज एक से अधिक रन लेने की कोशिश करता हैं, जबकि कम से कम एक बल्लेबाज जानबूझकर एक छोर पर अपनी जमीन नहीं बनाता है. बल्लेबाज रन को छोड़ सकते हैं, बशर्ते अंपायर को विश्वास हो कि बल्लेबाज ने अंपायरों को धोखा देने या रन बनाने का इरादा नहीं किया था.”

ऐसे मामलों में गेंदबाज के छोर पर अंपायर सभी रन को नकार सकता है. किसी भी नॉट आउट बल्लेबाज को उसकी मूल स्थिति में लौटाएगा, अगर लागू हो तो नो-बॉल या वाइड-बॉल का संकेत देगा, स्कोरर को शॉर्ट रन का संकेत देगा, फील्डिंग साइड को पांच पेनल्टी रन देगा और उनके कप्तान से अनुरोध करेगा कि वह बताए कि अगले डिलीवरी के लिए कौन सा बल्लेबाज स्ट्राइक पर होगा.”

आईसीसी ने कहा कि टीवी अंपायर अब नो-बॉल पर लिए गए कैच की निष्पक्षता की समीक्षा करेगा. अगर कैच सही है, तो बैटिंग साइड को नो-बॉल के लिए एक एक्स्ट्रा रन मिलेगा और अगर कैच साफ नहीं लिया गया है, तो बल्लेबाजी साइड को वे रन मिलेंगे जो बल्लेबाजों ने लिए होंगे.



Source link