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Gwalior Gun license fraud: ग्वालियर में बंदूक लाइसेंस फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां तीन पिस्टल और रिवॉल्वर लाइसेंस फर्जी पाए गए हैं, जो प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.
ग्वालियर में हथियार लाइसेंस घोटाला!
ग्वालियर. ग्वालियर जिले में बंदूक लाइसेंस को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक व्यवस्था और निगरानी व्यवस्था दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जांच में अब तक तीन फर्जी पिस्टल और रिवॉल्वर के लाइसेंस पकड़े गए हैं, जिनके नाम एदल सिंह, अमित सिंह और रामनिवास सिंह बताए जा रहे हैं.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन नकली बंदूक लाइसेंसों में अपर कलेक्टर से लेकर कलेक्टर तक के फर्जी हस्ताक्षर हूबहू किए गए हैं. इसके अलावा, जिन लाइसेंसों को वैध बताया गया था, उनमें यूनिक आईडी भी फर्जी पाई गई है. इतना ही नहीं, इन्हें सॉफ्टवेयर के जरिए नहीं, बल्कि हाथ से लिखी गई डायरी में तैयार किया गया था, जिससे शक और भी गहरा गया है.
फर्जीवाड़ा हुआ भंडाफोड़
गृह मंत्रालय द्वारा बंदूक लाइसेंस को लेकर की जा रही सख्ती के बीच यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. इससे स्पष्ट होता है कि जिले में प्रशासनिक स्तर पर निगरानी की कमी रही है. मामले के सामने आते ही ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और संभावना जताई जा रही है कि आगे जांच में और भी फर्जी लाइसेंसों का खुलासा हो सकता है.
ग्वालियर जिले में फिलहाल करीब 34,000 वैध हथियार लाइसेंस दर्ज हैं, जिनमें करीब 2,000 लाइसेंस केवल पिस्टल और रिवॉल्वर के हैं. ऐसे में यह फर्जीवाड़ा बहुत बड़े स्तर पर फैल सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था पर सीधा असर पड़ सकता है. अब यह मामला सिर्फ फर्जी दस्तावेज बनाने का नहीं, बल्कि सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय बन चुका है. प्रशासन द्वारा जांच में तेजी लाई जा रही है और दोषियों के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई की संभावना है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
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