Monsoon Dish: बुंदेलखंड में इन 5 डिश के बिना मानसून का मजा अधूरा, चख लिया तो मांगेंगे दोबारा-तिबारा

Monsoon Dish: बुंदेलखंड में इन 5 डिश के बिना मानसून का मजा अधूरा, चख लिया तो मांगेंगे दोबारा-तिबारा


Last Updated:

Bundelkhand Monsoon Dish: बरसात में चपटना खाने का मजा बढ़ जाता है. कुछ खास तरक के पकवान भी मानसून में बनाए जाते हैं. कुछ ऐसी ही चटपटे पकवान बुंदलेखंड में भी बारिश के दौरान जरूर बनते हैं. आप जानें रेसिपी…

मानसून के मौसम में आनंद का उत्साह तब दोगुना हो जाता है, जब पसंदीदा गरम-गरम पकोड़े, मंगोड़ी, बरा, चिल्ला या गुलगुले मिल जाएं. यूं कहें कि बुंदेलखंड में इन चीजों को खाए बगैर मानसून अधूरा सा रहता है. शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो पानी बरसे और ये डिश ना खाए,

बुंदेलखंड मानसून खानपीने

बेसन का चिल्ला बुंदेलखंड में सबसे पुराना और स्वादिष्ट व्यंजन है. आज भी पुराने लोग इस बनाने में माहिर हैं. इन्हें बनाने के लिए बेसन का घोल बनाया जाता है, चूल्हे रखे गर्म तवे पर डालकर पराठे के जैसे पकाते हैं. ऊपर से हल्का तेल लगते हैं. सिकाई करते हैं. ये बहुत कम तेल में बनने वाला सबसे अच्छा व्यंजन है,

बुंदेलखंड मानसून खानपान

बुंदेलखंड में हर दूसरे शख्स की पसंद मानसून के सीजन में भजिया यानी पकौड़े होते हैं. इसे बेसन में गूंथ कर कड़ाही में तेल में तलकर बनाया जाता है. यह भजिया पालक की भाजी के मुख्य रूप से बनाए जाते हैं. इसके अलावा लोग अपने स्वाद के अनुसार, आलू, मिर्च, भिंडी, पनीर के पकोड़े भी बनाकर खाते हैं.

मानसून बुंदेलखंड

बारिश शुरू होते ही होटल और दुकानों पर सबसे ज्यादा डिमांड मंगोड़ी की होती है. क्योंकि मंगोड़ी को बनाने में प्रक्रिया थोड़ी ज्यादा कठिन है, इसलिए लोग बाहर खाना पसंद करते हैं. कई लोग घर पर भी बनाते हैं. इसमें सबसे पहले दाल को पानी में भिगोया जाता है. जब वह फूल जाती है तो मक्सी से या पत्थर से पीसते हैं. फिर इनकी मंगोड़ी तेल में पकाते हैं. फिर चटनी के साथ बड़े प्रेम से खाते हैं.

सागर टीकमगढ़ छतरपुर पन्ना निवाड़ी बुंदेलखंड

ये बड़ा है. इसे मूंग और उड़द दाल का बनाया जाता है. कई लोग इसमें चना दाल भी मिक्स कर लेते हैं. यह छोटी पूड़ी के जैसे होते हैं. इन्हें बनाने के लिए भी करीब 5 से 6 घंटे लगते हैं. पहले दाल को पानी में डालकर भिगोया जाता है. फिर पत्थर से पीसते हैं. बेसन मिलाकर इन्हें तैयार करते हैं. तेल में पकाते हैं. बारिश में खाने पर आनंद आ जाता है,

सागर छतरपुर

इसके अलावा बटरा भी काफी पसंद किया जाता है. इसकी जगह-जगह पर ठेले देखने को मिल जाते हैं. इसमें किसी भी तरह के तेल का उपयोग नहीं किया जाता. इसमें केवल उबालकर और मसाले डालकर चाट के जैसा बनाया जाता है,

समोसा मंगौड़ी

वहीं, भुट्टा का समय भी वापस लौट आया है, पिछले कुछ सालों से हर गली हर सड़क पर इसके ठेले दिखाई देने लगी है जो आज पर सकते हुए नजर आते हैं और नींबू लगाकर खाने पर मजा आ जाता है,

जून के महीने में बारिश

सागर में 20 जून से बारिश का सिलसिला शुरू हाे गया था. रिमझिम बारिश चल रही है. हालांकि, लोगों को जोरदार बारिश का इंतजार है.

homelifestyle

बुंदेलखंड में 5 डिश के बिना मानसून का मजा अधूरा, चखा तो मांगेंगे दोबारा-तिबारा



Source link