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मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित संजय टाइगर रिजर्व में एक अनाथ बाघिन, जिसे बाड़े में रखकर जंगल के जीवन के लिए तैयार किया गया था, अब ‘जंगल की रानी’ बन गई है और जल्द ही माँ बनने वाली है. इस बाघिन का साथी छत्तीस…और पढ़ें
सीधी से बड़ी खुशखबरी मिल रही है.
हाइलाइट्स
- अनाथ बाघिन T-54 बनी माँ.
- छत्तीसगढ़ का बाघ बना ‘दूल्हा’.
- संजय टाइगर रिजर्व का चौथा स्थान.
सीधी. जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित दुबरी संजय टाइगर रिजर्व इन दिनों एक अनूठी प्रेम कहानी और वन्यजीव संरक्षण की बड़ी सफलता का गवाह बन रहा है. यहाँ बाड़े में रहकर जंगल के जीवन की कठिनाई सीखने वाली एक अनाथ बाघिन अब जंगल की रानी बन चुकी है और बहुत जल्द संजय टाइगर रिजर्व को बड़ी खुशखबरी देने वाली है– वह मां बनने वाली है! इस बाघिन का दूल्हा कोई और नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ से भटक कर आया एक युवा बाघ है, जिसने मध्यप्रदेश के इस खूबसूरत जंगल को अपना नया घर बना लिया है. यह कहानी शुरू होती है 2021-22 में, जब संजय टाइगर रिजर्व के कुसमी रेंज में एक बाघिन की दुखद मौत हो गई थी. उस समय उसके दो नन्हे शावक लगभग 4 से 5 महीने के थे और पूरी तरह से अनाथ हो चुके थे.
छत्तीसगढ़ी ‘दूल्हा’ और संजय टाइगर रिजर्व में नया कुनबा
T-54 के पोड़ी रेंज में आने के बाद, पहले से मौजूद बाघों के साथ संजय टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ने लगा. इसी दौरान एक दिलचस्प घटना घटी. छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक बाघ का रेस्क्यू कर उसे घासीदास पार्क में छोड़ा गया था, लेकिन वह बाघ चहलकदमी करते हुए सीधी के संजय टाइगर रिजर्व की सीमा में प्रवेश कर गया. यहीं उसकी मुलाकात अनाथ बाघिन T-54 से हुई. दुर्भाग्य से, यहां पहले से मौजूद एक बाघ के साथ छत्तीसगढ़ से आए इस नए बाघ की बड़ी झड़प हुई, जिसमें पुराना बाघ मारा गया. इस घटना के बाद, अनाथ बाघिन T-54 और छत्तीसगढ़ से आए इस बाघ के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं. दोनों ने मिलकर पोड़ी, वस्तुआ, मड़वास और कुसमी के जंगलों में अपनी एक साझा टेरिटरी बना ली है और उन्हें अक्सर एक साथ देखा जाता है.
एसडीओ संजय टाइगर रिजर्व दुबरी के सुधीर मिश्रा ने इस दावे की पुष्टि की है कि अनाथ बाघिन T-54 ने छत्तीसगढ़ से आए इस बाघ को अपना दूल्हा बना लिया है. उन्होंने बताया कि दोनों बाघ और बाघिन के बीच संपर्क स्थापित हो चुका है और उनके मिलन के कई वीडियो भी सामने आए हैं. इन संकेतों के आधार पर, अधिकारी यह उम्मीद जता रहे हैं कि बाघिन T-54 गर्भवती हो गई है और बहुत जल्द माँ बनने वाली है.
वन्यजीव संरक्षण में चौथा स्थान: संजय टाइगर रिजर्व की उपलब्धि
संजय टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह आंकड़ा 42 हो चुका है. यह वृद्धि और बाड़े में अनाथ शावकों को सफलतापूर्वक जंगल के लिए तैयार करने की क्षमता, संजय टाइगर रिजर्व को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है. एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि अब तक प्रदेश में केवल कान्हा, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व में ही बाड़े में अनाथ या खूंखार टाइगर्स को रखकर उन्हें जंगल की दिनचर्या सिखाई जाती थी, लेकिन अब सीधी के संजय टाइगर रिजर्व ने भी इस क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहराया है. बाड़े में अनाथ शावकों को रखकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल रंग लाई है, जिसकी वजह से संजय टाइगर रिजर्व प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण में चौथा स्थान प्राप्त कर चुका है.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें