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Heritage Of Madhyapradesh: यह मंदिर करीब 200 साल पुराना बताया जाता है. यहां पर भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा की स्थापना हुई है. इस मंदिर पर जो भी भक्त मन्नत संतान के लिए मांगता है वह मन्नत पूरी होती है तो मिश्र…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- बुरहानपुर में 200 साल पुराना स्वामीनारायण मंदिर है.
- संतान की मन्नत पूरी होने पर मिश्री का प्रसाद चढ़ाते हैं.
- मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं.
मोहन ढाकले/बुरहानपुर. मध्य प्रदेश में आज भी कई प्राचीन मंदिर मौजूद है. जिनकी अपनी-अपनी परंपरा और कहानी है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के सिलमपुरा क्षेत्र में भगवान स्वामीनारायण का करीब 200 साल पुराना मंदिर है. मंदिर के पुजारी योगेश चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे परदादा फुलासी प्रसाद के यहां पर संतान नहीं थी उन्होंने संकल्प लिया था कि संतान होगी तो भगवान सत्यनारायण की स्थापना करेंगे. इसके बाद उनके यहां पर संतान हुई इसलिए उन्होंने उस संतान का नाम नारायण प्रसाद रखा और वह ओंकारेश्वर से 10 दिन पैदल चलते हुए इस मूर्ति को लेकर आए और यहां पर स्थापना की आज भी यहां पर दूर-दूर से भक्त दर्शन पूजन करने के लिए पहुंचते हैं जो भी भक्त यहां पर संतान के लिए मन्नत मांगता है उनके यहां पर संतान होती है और उनके द्वारा भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना कर मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है. यह मंदिर जिले का एकमात्र मंदिर है जहां पर दूर-दूर से लोग दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं.
लोकल 18 की टीम ने मंदिर के पुजारी योगेश चतुर्वेदी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे परदादा के यहां पर संतान नहीं थी. जब उन्होंने यह मन्नत मांगी कि मेरे यहां पर संतान होगी तो मैं भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा की स्थापना करूंगा और मंदिर का निर्माण करवाऊंगा तब उन्होंने 10 दिन तक पैदल ओंकारेश्वर से प्रतिमा अपने सिर पर रखकर लेकर आए और यहां पर मंदिर की स्थापना की जब से यहां पर जिस भी भक्त के यहां पर संतान नहीं होती है वह भक्त मन्नत मांगने के लिए पहुंचते हैं. मन्नत मांगते हैं और मन्नत भी पूरी होती है.
मिश्री का चढ़ाया जाता है प्रसाद
यह मंदिर करीब 200 साल पुराना बताया जाता है. यहां पर भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा की स्थापना हुई है. इस मंदिर पर जो भी भक्त मन्नत संतान के लिए मांगता है वह मन्नत पूरी होती है तो मिश्री का प्रसाद चढ़ाते हैं और पूनम के दिन दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.