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Vindhya Snake News: विंध्य क्षेत्र में खासकर खतरनाक सांपों में कोबरा और करैत का नाम ही चलता था. लेकिन, अब इनसे भी बेहद खतरनाक सांप की एंट्री हो गई है. जानें कैसे
हाइलाइट्स
- विंध्य में कोबरा, करैत से भी खतरनाक सांप आया
- सोन नदी की बालू संग आए अंडे-बच्चे, बढ़ी आबादी
- सतना के सर्पमित्र का दावा, लोगों को किया अलर्ट
Satna News: मानसून की दस्तक के साथ ही विंध्य क्षेत्र में जहरीले सांपों का खतरा तेजी से बढ़ गया है. हर रोज सतना, पन्ना, रीवा, मैहर जैसे इलाकों से सर्पदंश की घटनाएं सामने आ रही हैं. लोकल 18 से विशेष बातचीत में सतना के सर्पमित्र विवेक तिवारी ने बताया कि बरसात के मौसम में सांपों का बाहर निकलना आम बात है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण लोग गंभीर खतरे में पड़ जाते हैं.
सर्पमित्र ने बताया कि सतना और आसपास के क्षेत्रों में मुख्य रूप से सांपों की तीन जहरीली प्रजातियां पाई जाती हैं. पहली और सबसे आम प्रजाति है कोबरा, जिसे स्थानीय लोग नाग कहते हैं. दूसरी प्रजाति है करैत, जिसे ग्रामीण इलाकों में कैली कहा जाता है. यह सांप अक्सर घरों में या उनके आसपास दिखाई देता है. तीसरी और सबसे खतरनाक प्रजाति है रसेल वाइपर, जिसकी संख्या अब विंध्य क्षेत्र में भी बढ़ गई है. विवेक बताते हैं कि पहले यह सांप सतना क्षेत्र में नहीं पाया जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह यहां दिखने लगा है.
सोन नदी से आने वाली बालू बनी कारण
रसेल वाइपर की उपस्थिति के पीछे उन्होंने कहा कि सोन नदी से जो ट्रक सतना में बालू लेकर आते हैं, उसी बालू में रसेल वाइपर के अंडे या बच्चे आ जाते हैं. इसी वजह से पिछले दस साल में इस प्रजाति की उपस्थिति सतना में भी देखी जा रही है. हाल ही में उन्होंने पन्ना से एक रसेल वाइपर को रेस्क्यू भी किया है.
सर्पमित्र विवेक ने लोगों को चेताया कि सांप काटने की स्थिति में किसी भी हालत में झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र का सहारा न लें. सीधे नज़दीकी अस्पताल पहुंचें और किसी प्रकार की देरी न करें. आमतौर पर लोग उस जगह को कस के बांध देते हैं, जहां सांप ने काटा होता है. लेकिन, यह सबसे बड़ी गलती होती है. क्योंकि, इससे ज़हर का प्रभाव और बढ़ सकता है. काटे गए स्थान को ठंडे पानी से धोकर स्थिर रखें और जितना हो सके कम हिलाएं. साथ ही अगर संभव हो तो सांप की फोटो खींच लें ताकि डॉक्टर को यह पता चल सके कि सांप जहरीला था या नहीं.
सावधानी ही बचाव
बरसात के मौसम में घरों और अनाज रखने के स्थानों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. चूहों के कारण भी सांप घरों की ओर आकर्षित होते हैं, इसलिए अनाज जमीन से एक फीट ऊंचाई पर रखें. उस जगह का बेस मजबूत बनाएं. बारिश के दिनों में घोड़ा पछाड या अषाढ़ीया नाम से पहचाने जाने वाले सांप और ब्लैक कोबरा अक्सर चूहों की तलाश में घरों में घुस आते हैं.