ऐशबाग रेलवे क्रासिंग के 90 डिग्री वाले ओवरब्रिज मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को कहा कि हमारी सरकार संवेदनशील भी है, लेकिन सख्त भी है। इसलिए 90 डिग्री आरओबी में जनभावनाओं को देखते हुए जिम्मेदारों पर बीते दिन आई जांच रिपोर्ट के आधार प
.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि अपनी पूर्ण दक्षता से काम करे, किसी त्रुटि या लापरवाही पर हमारी सरकार किसी को नहीं छोड़ेगी। जो अधिकारी, कर्मचारी बेहतर कार्य करेंगे उन्हें हम पुरस्कृत भी करेंगे। अधिकारी-कर्मचारियों से हमारी कोई दुश्मनी नहीं हैं, हम उनकी बेहतरी के लिए भी कदम उठा रहे हैं, लेकिन गलतियां बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि इससे आम गरीब लोगों का नुकसान होता है। हमारी सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील है, जो उनके लिए सदैव मददगार के रूप में खड़ी रहेगी।
रेलवे से समन्वय आसान नहीं उधर, पीडब्ल्यूडी इस मामले में रेलवे से समन्वय के लिए समिति गठित कर रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि रेलवे से समन्वय आसान नहीं है। ब्रिज की डिजाइन बदलने के लिए रेलवे से अतिरिक्त जमीन चाहिए होगी। इसके साथ ही रेलवे ने पिछले साल पीडब्ल्यूडी को जो सुझाव दिया था उसमें मेट्रो के ले आउट में एक पिलर बनाने की बात है। इसके लिए मेट्रो को अपना ले आउट बदलना होगा जो लगभग असंभव है, क्योंकि मेट्रो के पिलर भी बन गए हैं। ऐसे में यह सवाल बना हुआ है कि इस ब्रिज का अब क्या होगा?