जब हम “सांप” शब्द सुनते हैं, तो दिमाग में पहला भाव होता है डर. कई बार रहस्य, चमत्कार और काल्पनिक कहानियां भी जुड़ जाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी यह सवाल किया है कि क्या सांप भी कुछ महसूस करते हैं? क्या वह हमें दोस्त और दुश्मन की तरह पहचान सकता है? क्या उसका व्यवहार सिर्फ प्रकृति की एक आदत है या उसके पीछे भी कोई भावनात्मक सोच होती है?
इस आर्टिकल में हम आपको सांप की दुनिया से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जो आमतौर पर लोग नहीं जानते.
सांप को अक्सर “ठंडे खून वाला” और “भावनाहीन” प्राणी कहा जाता है. यह सच है कि सांप में इंसानों या पालतू जानवरों की तरह प्यार, खुशी या दुख जैसी जटिल भावनाएं नहीं होतीं. इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि सांपों के मस्तिष्क में “लिंबिक सिस्टम” नहीं होता, जो कि स्तनधारी जीवों में भावनाओं को नियंत्रित करता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सांप कुछ भी महसूस नहीं करते. सांप डर, असहजता, तनाव और सुरक्षित महसूस करने जैसी अवस्थाओं में जरूर प्रतिक्रिया देता है.
जब सांप आपको खतरा समझे
अगर आप किसी सांप के सामने अचानक पहुंच जाएं, तो वह तुरंत प्रतिक्रिया करता है –
फुफकारना (हिसिंग)
शरीर को गोल कर लेना या चपटा करना
तेजी से भाग जाना
काटने की मुद्रा में आ जाना
जब सांप को आपसे डर नहीं लगता
अगर सांप को लंबे समय तक किसी स्थान या इंसान से खतरे का अनुभव नहीं होता, तो वह शांत हो जाता है.
वह धीरे-धीरे रेंगता है
बार-बार जीभ निकालता है (ये उसकी सूंघने की शक्ति है)
इंसानी छुअन को भी कुछ हद तक सहन कर लेता है
सांप कैसे जताता है अपनी स्थिति?
सांप का तरीका पालतू कुत्ते या बिल्ली जैसा नहीं होता.
वह चेहरे से कुछ नहीं जताता.
कोई आवाज या हावभाव नहीं दिखाता
उसकी भाषा है – शरीर की गति और प्रतिक्रिया
तो क्या सांप दोस्त बन सकता है?
नहीं. सांप दोस्त नहीं बन सकता, लेकिन वो आपको पहचान सकता है. वो यह समझ सकता है कि आप उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं या नहीं. अगर आप शांत रहते हैं, उसे छेड़ते नहीं हैं, और उसकी प्रकृति को समझते हैं, तो वो आपको खतरा नहीं समझेगा.
कुछ प्रशिक्षित व्यक्ति सांपों के साथ कार्य करते हैं, लेकिन वे भी जानते हैं कि सांप अचानक मूड बदल सकता है, और काट सकता है.