पहले चुप, अब हंगामा! MLA ने महिला अफसर पर खोला मोर्चा, 22 दिन बाद हंगामा देख चौंक गए लोग

पहले चुप, अब हंगामा! MLA ने महिला अफसर पर खोला मोर्चा, 22 दिन बाद हंगामा देख चौंक गए लोग


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भोपाल ज़िले के मंडीदीप में 6 जून को हुए सांप्रदायिक विवाद पर 22 दिन बाद भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा ने अचानक सड़कों पर उतरकर महिला एसडीओपी शीला सुराणा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. विधायक ने पहले थाने में धरना दिया …और पढ़ें

भाजपा विधायक बार-बार टाइम पूछते रहे.

हाइलाइट्स

  • 22 दिन बाद अचानक धरने पर बैठे विधायक
  • घटना के बाद से नहीं दी थी कोई प्रतिक्रिया
  • महिला पुलिस अफसर को हटाने की करने लगे मांग

दिनेश यादव
रायसेन/मंडीदीप .
भोपाल ज़िले के मंडीदीप में 6 जून को दो समुदायों के बीच हुए विवाद के 22 दिन बाद भोजपुर से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा अपने 30-40 समर्थकों के साथ अचानक सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ पहले मंडीदीप थाने में धरना दिया और फिर औबेदुल्लागंज SDOP शीला सुराणा को हटाने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया. सवाल ये उठ रहे हैं कि जिस घटना पर अब तक उन्होंने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की, न सोशल मीडिया पर और न ही घायल युवक से अस्पताल में जाकर मिले-उसी मामले में अब अचानक से सड़क पर उतर कर भरी बारिश के बीच प्रदर्शन क्यों?

विधायक के प्रदर्शन के केंद्र में एसडीओपी शीला सुराणा हैं, जिनके खिलाफ बर्खास्तगी की मांग करते हुए नारेबाज़ी की गई. लेकिन SDOP शीला सुराणा ने न्यूज़18 से बातचीत में स्पष्ट कहा कि उस मामले में नियमानुसार कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है. यदि किसी को आपत्ति थी तो 22 दिन पहले बताया जाता, लेकिन अब इतने दिनों बाद अचानक चक्काजाम क्‍यों कर रहे हैं. दरअसल, 6 जून की रात ईद से ठीक पहले मंडीदीप में दो समुदायों में विवाद हुआ. हिंदू संगठनों द्वारा पशु ले जा रहे ट्रकों को रोका गया, जिसके बाद मारपीट, तोड़फोड़ और तलवारबाज़ी हुई. एक हिंदू युवक अजय मालवीय गंभीर रूप से घायल हुआ था. पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें मुस्लिम समुदाय के 7 और हिंदू पक्ष के 4 युवकों को जेल भेजा जा चुका है.

MLA ने उस समय ना घायलों से मिले ना कोई प्रतिक्रिया दी थी
घटना के अगले दिन विधायक पटवा ने न तो घायल युवक से मुलाकात की, न ही थाने गए और न ही सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया दी. इसके बाद 1 जुलाई को सकल हिंदू समाज द्वारा जन आक्रोश रैली की तैयारी हुई, लेकिन संगठन और संघ के हस्तक्षेप के चलते रैली स्थगित हो गई. अब ठीक 22 दिन बाद विधायक सड़क पर हैं.

एसडीओपी का पक्ष
एसडीओपी शीला सुराणा का कहना है कि “थाने में कानून के अनुसार कार्रवाई हुई है और गिरफ्तारी भी साक्ष्यों के आधार पर की गई है. प्रदर्शन मेरे खिलाफ क्यों किया जा रहा है, यह समझ से परे है. थाने के कामकाज की जिम्मेदारी टीआई की होती है, यदि कोई आपत्ति थी तो विरोध वहां होता, न कि मेरे खिलाफ.”

राजनीतिक मंशा पर उठे सवाल
सूत्रों के मुताबिक विधायक पटवा किसी ‘करीबी अधिकारी’ की तैनाती के लिए दबाव बना सकते हैं. वहीं यह भी माना जा रहा है कि हिंदू संगठनों और संघ के दबाव में आकर यह देर से किया गया प्रदर्शन है. अब सवाल यह है कि क्या यह पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन था या अपने तरीके से स्थानीय राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश?

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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