फर्जी बाइक नंबर से दे रहा था चकमा, पुलिस ने भी बता दिया असली बाप कौन है…जानें पूरा मामला

फर्जी बाइक नंबर से दे रहा था चकमा, पुलिस ने भी बता दिया असली बाप कौन है…जानें पूरा मामला


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Gwalior Crime News: ग्वालियर में सरकारी योजनाएं और समितियों का हवाला देकर लोगों को ठगने वाला इंटरस्टेट जालसाज बाइक के नंबर से गिरफ्तार हो गया. फरेबी लोगों को धोखा देकर पैसा कमाता था.

ग्वालियर क्राइम न्यूज

हाइलाइट्स

  • मनोज वर्मा फर्जी बाइक नंबर से गिरफ्तार.
  • कई शहरों में सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी करता था.
  • पुलिस ने मनोज की बाइक जब्त कर गहन पूछताछ शुरू की.

सुशील कौशिक/ग्वालियर: ग्वालियर के कांति नगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने सरकारी योजनाओं, समितियों और लोन दिलाने के नाम पर कई लोगों को धोखा दिया. आरोपी, मनोज वर्मा को रविवार की रात दबोचा गया. आरोपी का एक नया खुलासा पुलिस को अपने मंसूबों की पोल खोलने में मददगार साबित हुआ. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

फर्जी बाइक नंबर से पुलिस को चकमा
मनोज वर्मा अपनी बाइक पर फर्जी लाइसेंस प्लेट लगाकर घूम रहा था. उसने सेवा नगर निवासी सूरज रजक की बाइक का नंबर चिपका रखा था, ताकि असली वाहन मालिक को पुलिस पकड़े और वह बच निकले. इसी शातिर योजना की वजह से पुलिस बार-बार सूरज को बुलाती रही, जबकि असली गुनहगार मनोज बाहर घूम रहा था.

अनेक शहरों में ठगी की वारदातें
पुलिस के अनुसार, मनोज सिर्फ ग्वालियर में ही नहीं, बल्कि झांसी, दतिया और भिंड जैसे शहरों में भी सक्रिय था. वह सरकारी योजनाओं जैसे पेंशन, सब्सिडी, लोन आदि का झांसा देकर लोगों से राहत राशि वसूलता था. पुलिस का दावा है कि लाखों रुपये की ठगी हो चुकी है.

भिंड की घटना से हुई गिरफ्तारी का रास्ता साफ
कुछ दिन पहले भिंड में मनोज को ठगी करते हुए कई लोग घेर चुके थे. लेकिन वह बाइक दौड़ाकर भाग निकला. पीछा करने वालों ने बाइक का नंबर याद कर भिंड पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने नंबर की ट्रेसिंग की और सच्चाई सामने आई कि नंबर फर्जी है.

कांति नगर में हुई गिरफ्तारी
रविवार रात मनोज कांति नगर पहुंचा, जहां उसकी बाइक सूरज की नजर में आई. सूरज ने नंबर पहचान कर तुरंत पुलिस को सूचना दी. जवान पहुंचे और मौके पर मनोज को गिरफ्तार कर लिया, आरोपी की बाइक भी जब्त कर ली गई.

पुलिस की आगे की जांच
CSP रोबिन जैन ने बताया कि मनोज के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी गई है. पुलिस को उम्मीद है कि उससे कई अन्य ठगी की वारदातों का खुलासा होगा. आरोप है कि मनोज ने योजनाओं के साथ-साथ फर्जी समितियां बना कर लोगों को फंसाया था.

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