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Bundelkhand Poisonous Snakes: दुनिया भर में सांपों की 3 हजार प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें कई प्रजातियां बेहद जहरीली होती हैं, ऐसे ही बुंदेलखंड के सागर में पाई जाने वाली बेहद खतरनाक सांपों की प्रजातियों हैं, जिनके काटने के बाद चंद मिनट में मौत हो जाती है.
सागर में कोबरा को सबसे खतरनाक सांप माना जाता है. इसको लेकर कहावत है कि “करिया को डसो पानी भी नहीं मांगत”. कोबरा के काटने के बाद अगर समय पर इलाज न मिल पाए तो मौत निश्चित मानी जाती है.

अजगर की तरह दिखाई देने वाला रसेल वाइपर भी सागर में बहुतायत में पाया जाता है. इसे एशिया का सबसे जहरीला सांप माना जाता है. अक्सर लोग इसे अजगर समझ कर लापरवाही कर बैठते हैं. जिसका खामियाजा जान देकर चुकाना पड़ता है.

सागर में धामन प्रजाति के सांप सबसे अधिक पाए जाते हैं. इन्हें घोड़ा पछाड़ के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस सांप की पूछ में जहर होता है. इंसान के किसी भी अंग पर अगर यह लग जाए तो फिर वह सड़ने लगता है.

कॉमन करैत सांप सिर्फ रात के समय ही एक्टिव रहता है. यह इंसानी पसीने की गंध से उसके पास पहुंचकर हमला करता है. यह सागर के जंगलों में पाए जाते हैं. इस प्रजाति के सांप खासे जहरीले होते हैं. ये लगातार 12 से अधिक लोगों को डसने की क्षमता रखते हैं.

सागर में उड़ने वाला सांप भी पाया जाता है. स्नेक कैचर के द्वारा कई बार ऐसे सांपों का रेस्क्यू भी किया गया है, इसकी अधिकतम लंबाई 3 फीट बताई जाती है जो अक्सर शिकार करने या एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाने के लिए छलांग लगाता है.

जमीन पर सोने वाला व्यक्ति मच्छरदानी का उपयोग करें. घर से बाहर रात्रि के समय टॉर्च लेकर निकलें. घर के आसपास कचरा नहीं फैलाएं. तभी मानसून सीजन में सांप से बच सकेंगे.

सर्प दंश से पीडि़त व्यक्ति झाड फूंक ओझा गुनी तंत्र-मंत्र में न उलझें. उसे तत्काल स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराएं.

जूलॉजी एक्सपर्ट डॉ. मनीष जैन के मुताबिक बुंदेलखंड में सांपों की 30 प्रजातियां पाई जाती हैं और जो सागर के जंगली और चट्टानी इलाकों में भी मिलते हैं.