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Satna News: सतना के छात्र सागर साकेत ने पास्कल थ्योरी पर आधारित ऐसा हाइड्रोलिक मॉडल तैयार किया है, जिससे पेड़ों को जड़ों समेत सुरक्षित स्थानांतरित किया जा सकेगा. यह मॉडल शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कारग…और पढ़ें
सतना : सतना के एक होनहार छात्र ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनोखी और सराहनीय पहल की है. ग्यारवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे सागर साकेत नामक छात्र ने पास्कल प्रिंसिपल पर आधारित एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिसकी मदद से अब पेड़ों को काटने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि उन्हें द्रव का दबाव इस्तेमाल कर पेड़ की जड़ों सहित खुदाई और ट्रांसपोर्टेशन आसान जाएगा. यह तकनीक हाइड्रोलिक सिस्टम पर आधारित है जिसे सागर ने हाइड्रोलिक फ्रीली प्लांटेशन नाम दिया है.
सागर के पिता इलेक्ट्रॉनिक्स में काम करते है और माता ग्रहणी है. लोकल 18 से बातचीत में छात्र ने बताया कि इस मॉडल का मूल उद्देश्य ऐसे पेड़ों को बचाना है जो शहरी और ग्रामीण विकास की परियोजनाओं के चलते काट दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में खासतौर पर रोड किनारे लगे पेड़ों की जड़ें ठीक से विकसित नहीं हो पातीं और जब पेड़ बड़ा होता है तो उसकी शाखाएं सड़कों तक आ जाती हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जब नई सड़कें बनती हैं तो अक्सर रास्ते में आने वाले पेड़ों को काट दिया जाता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
सागर द्वारा बनाए गए मॉडल में हाइड्रोलिक तकनीक का प्रयोग कर पेड़ की जड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना खुदाई की जाती है और फिर पेड़ को ट्रांसपोर्ट किया जाता है. यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक सिद्ध होगा बल्कि शहरी नियोजन के लिए भी एक व्यावहारिक समाधान प्रदान कर सकता है. सुदर्शन पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल के इस होनहार छात्र की सोच और तकनीकी समझ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि युवा पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और नवाचार की अपार संभावनाएं हैं.