इंदौर के खजराना गणेश का नया स्वर्ण मुकुट बनाया जाएगा।
इंदौर के खजराना गणेश का नया सोने का मुकुट बनेगा। इसकी डिजाइन भी फाइनल हो गई है। पहले करीब 3 किलो चांदी का मुकुट बनेगा। इसे भगवान को पहनाकर देखा जाएगा। डिजाइन और साइज सभी ठीक रहा तो इसी डिजाइन का सोने का मुकुट तैयार किया जाएगा।
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भगवान के पुराने सोने के एक मुकुट में क्रेक आ गया था। जिसके चलते नया सोने का मुकुट बनाने का निर्णय कुछ समय पहले लिया गया। इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है। भगवान गणेश के साथ ही रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ के भी नए मुकुट तैयार किए जाएंगे। करीब 6-7 किलो सोने का भगवान गणेश का मुकुट तैयार किया जाएगा।
बता दें, इंदौर का खजराना गणेश मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। रोजाना हजारों भक्त यहां भगवान के दर्शन को आते हैं। त्योहार पर ये संख्या काफी बढ़ जाती है।
गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी पर बड़ी संख्या में भक्त यहां भगवान के दर्शन करने आते हैं। इसके अलावा नए साल पर भी काफी संख्या में यहां भक्त आते हैं। वहीं, बुधवार और रविवार को भी यहां भक्तों की संख्या बाकी दिनों से ज्यादा रहती हैं।
रोजाना बड़ी संख्या में भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं।
भगवान गणेश के 1-1 किलो को दो मुकुट
मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्ट ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि खजराना गणेश के आभूषण और मुकुट ट्रेजरी में रखे हैं। पुराने मुकुट 1-1 किलो है। ये कम वजन के है। इसमें से एक मुकुट क्रेक भी हो गया है।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह और निगमायुक्त शिवम वर्मा ने प्रबंध समिति में यह निर्णय लिया था कि भगवान गणेश के नए और वजनदार मुकुट बनवाएंगे।
नए मुकुट बनाने के लिए भी 10 सदस्यों की समिति बनाई है। जिसमें मंदिर के दो पुजारी, दो मैनेजर, निगम और ट्रेजरी के अधिकारी और सराफा के दो ज्वेलर शामिल हैं। समिति इस पर काम कर रही है।

खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पं.अशोक भट्ट।
ट्रेजरी में जाकर देखे थे मुकुट-आभूषण
समिति के सदस्य पिछले दिनों ट्रेजरी में गए थे। जहां पर भगवान के स्वर्ण आभूषण और मुकुट रखे हैं। इस दौरान कारीगर भी साथ में थे। उन्होंने बताया कि स्वर्ण मुकुट बनाने के पहले चांदी का मुकुट बनाया जाएगा।
ये चांदी का मुकुट करीब तीन से साढ़े तीन किलो को बनेगा। जो डिजाइन फाइनल की गई है। उसी डिजाइन का पहले चांदी का मुकुट बनाया जाएगा। इसमें करीब एक महीने का समय लगेगा।
चांदी का मुकुट तैयार होने के बाद भगवान को पहनाकर देखा जाएगा। डिजाइन और माप सही होने पर सोने का मुकुट तैयार किया जाएगा। सोने का मुकुट तैयार होने में भी एक महीने का समय लगेगा।

कुछ दिनों पहले ट्रेजरी में समिति के सदस्य आभूषण देखने पहुंचे थे।
सभी आभूषणों का वजन साढ़े किलो पं. अशोक भट्ट के मुताबिक सोने के पुराने आभूषणों की बातें करें तो भगवान गणेश के दो स्वर्ण मुकुट हैं। रिद्धि-सिद्धि के दो स्वर्ण मुकुट हैं।
शुभ-लाभ के दो स्वर्ण मुकुट हैं। एक छत्र है, एक चंद्रिका (किरण), चेन और बिस्किट भी है। यह सभी ट्रेजरी में रखे हैं। इन सभी का वजन करीब 6 से साढ़े किलो है।
इन्हीं से भगवान के नए मुकुट तैयार किए जाएंगे। सोना कम पड़ने पर दानदाताओं और भक्तों से सहयोग लिया जाएगा। पुराने मुकुट की बात करें तो भगवान गणेश के 1-1 किलो के दो सोने के मुकुट है।
रिद्धि-सिद्धि के आधा-आधा किलो के मुकुट है और शुभ-लाभ के 100-100 ग्राम के मुकुट हैं। इसके अलावा छत्र, चंद्रिका (किरण) सोने के बिस्किट, सिक्के हैं।

ये है भगवान के पुराने स्वर्ण आभूषण, साथ ही पेपर तैयार की गई नए मुकुट की डिजाइन।
पेपर पर तैयार हो चुकी है डिजाइन देखा जाए तो मुकुट की डिजाइन पेपर पर फाइनल हो चुकी है। इसी डिजाइन का पहले चांदी का मुकुट तैयार किया जाएगा। इसके बाद इसे भगवान को पहनाकर देखा जाएगा।
मंदिर प्रबंध समिति को इसे दिखाया जाएगा। सब ठीक रहा तो भगवान गणेश का सोने का मुकुट तैयार किया जाएगा।
जो इस मुकुट को तैयार कर रहे हैं।वे ही अपनी तरफ से पहले चांदी का मुकुट तैयार करेंगे। पं. भट्ट ने बताया कि जो नई डिजाइन का मुकुट तैयार होगा उसमें स्वास्तिक, ओम, फूल सहित सुंदर नक्काशी देखने को मिलेगी।
पहले भगवान गणेश का बनेगा मुकुट
पं.अशोक भट्ट ने बताया कि सबसे पहले भगवान खजराना गणेश का सोने का मुकुट तैयार किया जाएगा। इसके बाद रिद्धि-सिद्धि और फिर शुभ-लाभ के मुकुट तैयार किए जाएंगे। इसमें करीब 9 किलो सोना लगेगा। मंदिर प्रबंध समिति के पास करीब साढ़े 6 किलो सोना है।
भगवान गणेश का 5 से 6 किलो का सोने का मुकुट, रिद्धि-सिद्धि के 1 से डेढ़ किलो के सोने के मुकुट और शुभ-लाभ के आधा-आधा किलो के सोने के मुकुट बनेंगे। सोना कम पढ़ने पर दानदाताओं और भक्तों का सहयोग भी लिया जाएगा।

भगवान खजराना गणेश, रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ को पहनाए स्वर्ण मुकुट। – फाइल फोटो
गणेश चतुर्थी तक तैयार होने की संभावना पं. भट्ट ने कहा कि साल में दो बार यानी गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी पर भगवान खजराना गणेश का स्वर्ण आभूषणों से शृंगार किया जाता है। जो ये मुकुट तैयार कर रहे हैं, उन्होंने हमें कहा है कि 1 महीने में चांदी का मुकुट तैयार कर देंगे। अगर कोई दिक्कत नहीं आई तो इस डिजाइन के मुकुट को फाइनल कर दिया जाएगा।
मुकुट फाइनल होने के 20-25 दिनों में सोने का मुकुट तैयार किया जाएगा। अगर गणेश चतुर्थी तक मुकुट तैयार नहीं होता है तो भगवान का पुराने स्वर्ण मुकुट-आभूषणों से ही शृंगार किया जाएगा। गणेश चतुर्थी तक नया मुकुट तैयार नहीं होता है तो जनवरी में तिल चतुर्थी पर नए मुकुट से भगवान का शृंगार किया जाएगा।
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खजराना गणेश मंदिर की दानपेटी से निकले ₹1.21 करोड़

नोटों को मशीनों से गिनकर सौ-सौ नोट की गडि्डयां बनाकर बैंक में जमा की गई।
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की मार्च माह में दानपेटियां खोली गई थी। इस बार श्रद्धालुओं ने पुराने 500 और 1000 के नोट भी चढ़ाए गए, जो 2016 में नोटबंदी के दौरान बंद हो चुके थे। मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार, इन प्रतिबंधित नोटों की कुल कीमत 9,500 रुपए थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…