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Unique Spy Arms: जबलपुर के AOC म्यूजियम में श्रीलंका के विद्रोहियों से बरामद जासूसी हथियार रखे गए हैं, जिनमें छाता बंदूक, टॉर्च और पेन गन शामिल हैं. ये हथियार 90 के दशक के गृह युद्ध के दौरान जब्त किए गए थे.
आपने तमाम हथियारों को देखा होगा या उनके बारे में सुना होगा. लेकिन, यहां जिस जासूसी हथियार की बात हो रही है, वैसे हथियार जेम्स बॉन्ड की फिल्म में ही देखे हेांगे. यह कोई आम हथियार नहीं.यह हथियार जबलपुर के AOC म्यूजियम में है. श्रीलंका के विद्रोहियों से इन हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था.

इसमें से सबसे प्रमुख है छाता बंदूक. यह बंदूक बिल्कुल छाते की तरह दिखाई देती है. जिसे आमतौर पर बुजुर्ग हाथ में लेकर चला करते थे. इस बंदूक की छड़ी में एक बटन लगाया जाता था. जैसे ही बटन दबाया जाता था, वैसे ही छाते में रखा कारतूस दिखाई देता था. जिससे फायर किया जाता था. छाते की इस छड़ी को बंदूक की तरह उपयोग में लाया जाता था.

भारतीय सेना ने तमिल लड़ाकू से एक टॉर्च भी बरामद की थी. यह टॉर्च देखने में बिल्कुल सामान्य थी. लेकिन, इसके इसके किस्से ही अलग थे. टॉर्च में नोजल लगा था, जो आपात स्थिति में सैनिक के बटन दबाते ही टॉर्च के जरिए केमिकल निकलता, जिससे दुश्मन बेहोश हो जाता.

पेन गन भी किसी बंदूक से कम नहीं. सेना के अधिकारी विशाल चोपड़ा ने बताया कि म्यूजियम में एक पेन भी है. लेकिन, यह पेन कोई आम पेन नहीं. यह एक बंदूक है, जिससे गोली चलाई जा सकती है. यह हथियार दुश्मनों को भ्रमित करने के लिए बनाए जाते थे.

आपको बता दें, मध्य प्रदेश के जबलपुर में ओसी म्यूजियम में रखे इन सभी हथियारों को किसी न किसी छोटे या बड़े युद्ध के दौरान जब्त किया गया था. म्यूजियम में इन हथियारों को जनता देख सकती है.

म्यूजियम में रखे हथियार श्रीलंका के विद्रोही गुट लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (LTTE) से बरामद किए गए थे. जहां 90 के दशक में श्रीलंका और लिबरेशन टाइगर श्रॉफ तमिल ईलम के बीच गृह युद्ध चल रहा था. जहां शांति स्थापित करने के लिए श्रीलंका सरकार ने भारत सरकार से मदद मांगी थी. जहां भारत सरकार ने 80 हजार सैनिकों को श्रीलंका भेजा था.

इस युद्ध में भारतीय सेना के 1200 जवान भी शहीद हुए थे. श्रीलंका में सिंहली और तमिल लोग रहते हैं. श्रीलंका के तमिल लोगों का आरोप था कि उनके साथ श्रीलंका सरकार ठीक व्यवहार नहीं करती, इसलिए उनका देश अलग बनाया जाए.

यही कारण था कि श्रीलंका में चल रहे गृह युद्ध को दबाने और शांति स्थापित करने के लिए भारत सरकार से श्रीलंका ने मदद मांगी थी. जहां बड़ी संख्या में जवानों को भेजा गया था. जहां इस तरह के हथियार देखे गए थे.