नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर गांधी मेडिकल कॉलेज में आयोजित चिकित्सक सम्मान कार्यक्रम में रतलाम की ‘मदर टेरेसा’ के नाम से विख्यात पद्मश्री डॉ. लीला जोशी का विशेष सम्मान किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने चिकित्सकों को ‘विकसित भारत’
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उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि चिकित्सकों की जन-कल्याण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। कोविड काल में चिकित्सकों की समर्पित सेवा को करीब से देखा गया है। उन्होंने कहा, किसान अन्नदाता हैं, तो डॉक्टर्स जीवनदाता हैं। मध्यप्रदेश में एमबीबीएस और पीजी सीटों में वृद्धि की जा रही है, आगामी वर्षों में 5 हजार एमबीबीएस और 2500 पीजी सीटों की वृद्धि का लक्ष्य है। उन्होंने चिकित्सा छात्रों से शिक्षा के साथ संस्कारों के महत्व पर जोर दिया और समाज के सुधार तथा मानव सेवा के लिए समर्पित रहने का आह्वान किया। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।
पद्मश्री डॉ. जोशी ने कहा- ‘ऑनलाइन ज्ञान’ लेकर आने वाले मरीजों के इलाज कठिन
दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने चिकित्सकों के कर्तव्य पर जोर देते हुए कहा कि डॉक्टरों का काम सेवा करना है। उन्होंने मरीजों के परिजनों से संयम रखने की अपील की, क्योंकि अस्पतालों में हंगामा डॉक्टरों और स्टाफ के मनोबल को तोड़ता है और अन्य मरीजों को भी प्रभावित करता है।
डॉ. जोशी ने ‘ऑनलाइन ज्ञान’ लेकर आने वाले मरीजों के इलाज को मौजूदा समय की सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि आधी-अधूरी जानकारी खतरनाक होती है और इससे इलाज प्रभावित होता है। उन्होंने मरीजों को डॉक्टर पर पूरा भरोसा रखने की सलाह दी, क्योंकि हर चिकित्सक का इलाज का तरीका उनके लंबे अनुभव पर आधारित होता है।
उन्होंने शिशु-मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रदेश में चल रहे अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की लगातार निगरानी से जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
बच्चों की ओवर-केयर पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि न्यूक्लियर फैमिली और बच्चों के बाहर न खेलने से उनमें मोटापा बढ़ रहा है, जो कई बीमारियों का कारण बन रहा है। उन्होंने बच्चों में सब्र की कमी और छोटे-छोटे मुद्दों पर आत्महत्या के मामलों को समाज के पुनर्गठन की आवश्यकता का संकेत बताया।
डॉ. लीला जोशी के बारे में: रतलाम की “मदर टेरेसा” के नाम से प्रसिद्ध पद्म श्री डॉ. लीला जोशी रतलाम जिले में एनीमिया से पीड़ित आदिवासी महिलाओं और किशोर लड़कियों के कल्याण के लिए अपने असाधारण कार्यों के लिए जानी जाती हैं। 2020 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1997 से आदिवासी क्षेत्रों में एनीमिया के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया है और महिलाओं व किशोर लड़कियों का मुफ्त इलाज किया है।
प्रदेश के 8 चिकित्सकों का हुआ सम्मान उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने चिकित्सा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाली कई हस्तियों को शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इनमें प्रमुख रूप से रतलाम की पद्मश्री डॉ. लीला जोशी (स्त्री रोग विशेषज्ञ), हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिहर त्रिवेदी, डॉ. एम.के. जैन, डॉ. बी.पी. दुबे, डॉ. संजीव गौर, न्यूरो सर्जन प्रो. डॉ. वाय आर यादव, डॉ. कात्यायन मिश्रा और डॉ. मनोहर भंडारी (जिन्होंने एमडी फिजियोलॉजी का शोध पत्र हिंदी में प्रस्तुत किया है) शामिल थे।
चिकित्सकों को आत्ममंथन करने की दी सलाह प्रमुख सचिव संदीप यादव ने चिकित्सकों को भगवान का दर्जा मिलने की बात कही और इसे एक बड़ी जिम्मेदारी बताया। उन्होंने चिकित्सकों से आत्ममंथन करने को भी कहा। साथ ही पूर्ण समर्पण से सेवा को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए पीएमटीए प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीया ने प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांक में सुधार के लिए एसोसिएशन के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस मौके पर डीन जीएमसी भोपाल डॉ. कविता सिंह और चिकित्सा शिक्षा संघ से डॉ. अविनाश ठाकुर, डॉ. जीवन सिंह मीणा, डॉ. पराग शर्मा, डॉ. राजेश टिक्कस और जूडा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता मौजूद रहे।