इंदौर में धोबी घाट मैदान को कर्बला मैदान लिखा, विरोध में उतरे लोग

इंदौर में धोबी घाट मैदान को कर्बला मैदान लिखा, विरोध में उतरे लोग


मिथिलेश गुप्ता

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कर्बला मैदान के नाम को लेकर विवाद शुरू हो गया है. हिंदू संगठन ने निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लालबाग के पास मैदान में मेले की इजाजत देने और निगम की स्लिप पर कर्बला मैदान लिखे जाने को लेकर हनुमान चौक धोबी घाट मैदान रक्षा समिति के लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. इसे लेकर उन्होंने मंगलवार शाम प्रदर्शन किया. इस दौरान नगर निगम के खिलाफ नारे भी लगाए. लोगों का आरोप है कि चंद पैसों के लिए निगम ने ये जमीन किराए पर दे दी. अगर निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो हम उन्हें 3 दिन के लिए 9 लाख रुपये देने को तैयार है. हमें निगम यहां अखंड रामायण पाठ करने की अनुमति दे.

मंगलवार को समिति के लोग मैदान पर जमा हुए और प्रदर्शन शुरू किया. लोग जय-जय सियाराम, अवैध कब्जे मुक्त करो, नगर निगम हाय-हाय, नगर निगम मुर्दाबाद, ये कर्बला नहीं, हनुमान चौक है के नारे लगाने लगे. इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए हनुमान जी की आरती भी की गई. प्रदर्शन करने वालों के हाथ में एक बैनर भी था, जिस पर लिखा था महापौर जी (इंदौर नगर निगम) यह जमीन कर्बला मैदान नहीं, हनुमान चौक धोबी घाट मैदान है. नारेबाजी के बाद प्रदर्शन करने वाले मंदिर के सामने ही जमीन पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे.

जानें क्या है पूरा मामला

प्रदर्शन करने वाले सुमित हार्डिया ने बताया कि धोबी घाट की यहां पर 7 एकड़ जमीन है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब निगम के पक्ष में फैसला आया था, हिंदू समाज में खुशी का माहौल था कि यहां से अवैध कब्जा हटेगा. नगर निगम ने 3 दिन के लिए कॉमर्शियल मेले के रूप में अनुमति दे दी. अनुमति पत्र पर कर्बला मैदान लिखा हुआ है. इसका हम विरोध करते है. यह नगर निगम की जमीन है. यहां हनुमान मंदिर है, ये कर्बला मैदान नहीं धोबी घाट है. निगम ने कर्बला मैदान के नाम से अनुमति दी है, इसका विरोध जारी रहेगा. निगम अपनी गलती सुधार के वरना उग्र प्रदर्शन के लिए तैयार रहे.

प्रदर्शनकारी बोले- आंदोलन करना पड़ा तो करेंगे

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मैदान 7 एकड़ का है जबकि 3 एकड़ जमीन का ही शुल्क लिया गया है. इसे लेकर ही हम विरोध करने बैठे थे. हमने अपनी बात रखी है. आगे कलेक्ट्रेट, नगर निगम जाएंगे. आंदोलन करना पड़ा तो वह भी करेंगे. यहां सिद्ध वीर हनुमान मंदिर है, जहां हर मंगलवार-शनिवार को आरती होती है. यहां भव्य मंदिर बनाने की भी हमारी प्लानिंग है. प्रदर्शन करने वाले संजय भाटिया ने बताया कि नगर निगम ने 1 लाख रुपये लेकर 3 दिन के लिए किराए पर दे दिया है. जबकि 14-15 लाख रुपये तो सिर्फ झूलों से वसूली कर ली जाती है. यहां कई दुकानें लगती है, जिससे कमेटी काफी पैसे वसूल करती है.

संजय भाटिया ने कहा कि 1 लाख रुपये में ये जमीन किराए पर देकर निगम ने गलती की है. सोमवार से ही झूले लगाना शुरू हो गए है. निगम को 10 दिन का किराया लेना चाहिए था.
रियायती दरों पर जमीन दी और लाखों रुपये कमाने की छूट दे दी. सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि अपनी अनुमति में निगम ने कर्बला मैदान लिखा है. यह आपत्तिजनक है.

3 दिन का मेला और ताजिए ठंडे करने की अनुमति

मोहर्रम पर्व पर मैदान में 3 दिन का मेला और ताजिए ठंडे किए जाने की अनुमति 6 जुलाई से 8 जुलाई तक कमेटी अध्यक्ष मो. फारुख राइन ने ली है. वक्फ कर्बला मैदान इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष फारुख राइन ने बताया कि 6 जुलाई को शहर भर के अखाड़े ताजिए यहां पर आएंगे और 3 दिन का मेला शुरू हो जाएगा. मेला लगाने, ताजिए रखने, दफनाने की अनुमति मिल गई है. नगर निगम में 1 लाख का शुल्क अनुमति के लिए जमा किया है. 6 जुलाई को सरकारी ताजिया इमाम बाड़े से कर्बला आएगा.



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