जबलपुर में पाकिस्तानी ‘पिन्नी’ की महक, रावलपिंडी की मिठाई के आगे सब फेल!

जबलपुर में पाकिस्तानी ‘पिन्नी’ की महक, रावलपिंडी की मिठाई के आगे सब फेल!


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Jabalpur News: वे लोग पाकिस्तान छोड़कर जबलपुर आए थे. उनका परिवार जबलपुर के गोरखपुर में बस गया. यहां उन्होंने मिठाइयों का अपना पुश्तैनी व्यापार शुरू किया. देखते ही देखते जबलपुर के लोगों की जुबान पर पिन्नी का जाद…और पढ़ें

जबलपुर. मिठाइयों में आपने बर्फी, काजू कतली और पेड़े तो खाए होंगे लेकिन मध्य प्रदेश की पिन्नी का स्वाद चखते ही आप इसे खाते चले जाएंगे. जी हां, हम बात कर रहे हैं जबलपुर की स्पेशल पिन्नी की. एक समय यह पिन्नी पाकिस्तानी पकवानों की महक होती थी लेकिन अब यह जबलपुर के स्वाद में शामिल हो गई है. रावलपिंडी की इस पिन्नी मिठाई के सामने सारी मिठाइयां फेल हो जाती हैं. आखिर यह पिन्नी होती कैसी है और कहां से आई है, ये जानने के लिए लोकल 18 की टीम पहुंची जबलपुर के गोरखपुर बाजार में, जहां हमारी मुलाकात मिठाई की दुकान के संचालक के सुमित आनंद से हुई.

सुमित आनंद ने लोकल 18 को बताया कि पिन्नी एक पंजाबी डिश है लेकिन हर कोई इसे खाना पसंद करता है. पहले रावलपिंडी की पिन्नी पाकिस्तानी बाजार में देखने को मिलती थी लेकिन अब यह पिन्नी एमपी के जबलपुर में भी खूब पसंद की जाती है. उन्होंने बताया कि उनकी दुकान की स्थापना 1928 में हुई थी, जब देश आजाद भी नहीं हुआ था. वे लोग लाहौर पाकिस्तान को छोड़कर जबलपुर आए थे. पूरा परिवार जबलपुर के गोरखपुर में बस गया. यहां उन्होंने अपना मिठाइयों का पुश्तैनी बिजनेस शुरू किया. देखते ही देखते जबलपुर के लोग पिन्नी को काफी पसंद करने लगे. तब से लेकर आज तक तीसरी पीढ़ी कारोबार संभाल रही है.

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जबलपुर में पाकिस्तानी ‘पिन्नी’ की महक, रावलपिंडी की मिठाई के आगे सब फेल!



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