मानसून में नहीं होना चाहते ‘डेंगू’ का शिकार, फटाफट नोट कर लें बचाव के ये तरीके

मानसून में नहीं होना चाहते ‘डेंगू’ का शिकार, फटाफट नोट कर लें बचाव के ये तरीके


रीवा. मानसून में मच्छरों का आतंक बढ़ने लगता है. इसके पीछे की वजह है जगह-जगह बारिश के कारण पानी इकट्ठा होना. एक जगह जमा हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और मच्छरों की संख्या बढ़ने लगती है. इसलिए इस मौसम में मच्छरों की ओर से फैलने वाली बीमारियां, जैसे डेंगू होने का रिस्क काफी ज्यादा रहता है. रीवा के कई हिस्सों से डेंगू के मामले भी देखने को मिल रहे हैं.

हाल ही में, डेंगू की वजह से एक पांच वर्ष के बच्चे की मौत की खबर भी सामने आई है. इसलिए सुरक्षित रहने के लिए इस बीमारी के बारे में सभी जरूरी जानकारियां होनी जरूरी हैं. इस आर्टिकल में हम डेंगू के लक्षण और उससे बचाव के तरीकों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे.

रीवा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डाॅक्टर अक्षय श्रीवास्तव के मुताबिक, डेंगू मच्छर के काटने से फैलने वाली एक बीमारी है, जो ज्यादातर ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल क्षेत्रों में होती है. यह एक वायरल इन्फेक्शन है, जो मच्छरों की एडीज प्रजाति के जरिए फैलती है. इन संक्रमित मच्छरों के काटने से डेंगू का वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है, जिसके कारण हम संक्रमित हो जाते हैं.

क्या हैं डेंगू के लक्षण?
तेज बुखार, तेज सिर दर्द, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, त्वचा पर रैशेज, आंखों में दर्द, मितली, पेट में दर्द या, ऐंठन, ब्लीडिंग, थकान, चिड़चिड़ापन, ग्लैंड्स में सूजन, नाक या मसूड़ों से खून आना, त्वचा का रंग पीला पड़ना या त्वचा ठंडी पड़ना, बेचैनी, बार-बार प्यास लगना.

कैसे करें डेंगू से बचाव?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, डेंगू के मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव रहते हैं. इसलिए इन मच्छरों से दिन में भी बचने की जरूरत होती है.

इनसे बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें, मच्छर ज्यादातर हाथ-पैरों पर काटते हैं, इसलिए पूरी बाजू के कपड़े पहनना जरूरी है.

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, दिन में भी मच्छरदानी में ही सोएं, ताकि मच्छर दूर रहें.

ज्यादा सुरक्षा के लिए इंसेक्ट रिपेलेंट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

मॉस्क्यूटो रिपेलेंट, कॉइल या वेपोराइजर का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर आपके घर में न आएं.

खिड़की और दरवाजों पर जाली लगाकर रखें, ताकि मच्छर और अन्य कीड़े भीतर न आएं.

अपने घर के आस-पास पानी न इकट्ठा होने दें, ताकि मच्छर अंडे न दे सकें.

अपने घर के कूलर का पानी बदलते रहें, ताकि उनमें मच्छर अंडे न दें.

पानी भरने के बरतनों को रोज साफ करें और उन्हें ढककर रखें. पानी की टंकी की हर हफ्ते सफाई करें.

घर के आस-पास कचरा न इकट्ठा होने दें और साथ ही, कूड़ेदान को ढककर रखें.

घर में स्वीमिंग पूल है, तो उसकी भी नियमित सफाई जरूरी है.



Source link