जौरा तहसील के अगरोता चौराहे पर वर्षों से सरकारी भूमि पर बने पक्के अतिक्रमण को बुधवार को प्रशासन ने हटवा दिया। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। अतिक्रमण हटाने के बाद आंगनवाड़ी केंद्र, ग्राम सचिवालय और हाट बाजार की जमीन को फिर से उ
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यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय निवासी दिनेश कुशवाहा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने सर्वे नंबर 120 पर हुए अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि वह जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कर मूल स्वरूप में बहाल करे।
SDM की मौजूदगी में चला अभियान बुधवार को SDM प्रदीप तोमर के नेतृत्व में राजस्व विभाग, पुलिस और नगर परिषद की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से पक्के निर्माणों को तोड़ना शुरू किया। किसी भी अव्यवस्था से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
कार्रवाई के दौरान लगा जाम
सरकारी जमीन का होगा जनहित में उपयोग SDM प्रदीप तोमर ने बताया, “यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश के तहत की गई है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आंगनवाड़ी, सचिवालय और हाट बाजार जैसी जनहित की भूमि को सुरक्षित रखना प्रशासन की प्राथमिकता है।”
ग्रामीणों ने की सराहना कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने मौखिक आपत्ति जताई, लेकिन प्रशासन ने उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्वक कार्रवाई पूरी की। ग्रामीणों में संतोष देखा गया और उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन आगे भी सरकारी जमीन की रक्षा इसी तरह करता रहेगा।