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Chokar Roti Ke Fayde: अक्सर हम रोटी बनाने से पहले आटा चालकर चोकर को अलग कर देते हैं. लेकिन ज्यादातर डाइटीशियन चोकर वाली रोटियां खाने की सलाह देते हैं. जानें फायदे…(रिपोर्ट:शिवांक द्विवेदी)
क्या आप जानते हैं कि आपके रोजमर्रा के आटे में आपकी सेहत का गहरा राज़ छिपा है? जी हां, चोकर युक्त आटा और बिना चोकर वाला आटा, इन दोनों के बीच की जंग अब सिर्फ स्वाद की नहीं, बल्कि सेहत की भी बन चुकी है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि चोकर युक्त आटा वजन घटाने और दिल की सेहत के लिए एक छिपा हुआ हथियार हो सकता है. लेकिन, क्या इसका ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है? आइए इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं और जानते हैं कि इन दोनों में से कौन सा आटा बेस्ट है.

सर्टिफाइड डाइटिशियन ममता पांडे ने बताया कि किसी भी अनाज को जितना फाइन किया जाता है, उसके पोषक तत्व उतने ही कम होते जाते हैं. गेहूं से सूजी, मैदा और आटा जैसी कई चीजें बनती हैं.

गेहूं का दाना तीन हिस्सों में बंटा होता है, जिसमें ऊपरी मोटी परत पीसने के बाद चोकर कहलाती है. यह खोल न सिर्फ दाने की रक्षा करता है, बल्कि हमारे शरीर के लिए भी प्रोटेक्शन का काम करता है.

चोकर युक्त आटे में बिना चोकर वाले आटे की तुलना में कहीं ज़्यादा फाइबर होता है. लेकिन, रोटी बनाते वक्त हम अक्सर इस चोकर को छानकर अलग कर देते हैं, जिसके साथ इसका फाइबर भी चला जाता है. इसलिए एक्सपर्ट्स चोकर युक्त आटे को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं.

एक सामान्य व्यक्ति को दिनभर में 15 ग्राम फाइबर की ज़रूरत होती है. सादा आटा, फाइन आटा या मैदा जल्दी पच जाता है और ग्लोकोज बढ़ाता है. चोकर युक्त आटा धीरे-धीरे पचता है और ग्लूकोज को धीरे-धीरे रिलीज़ करता है.

इससे शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन पहुंचाने और पाचन के लिए पर्याप्त समय मिलता है. साथ ही फाइबर हमारी आंतों की पेरीस्टाल्टिक मूवमेंट को बेहतर बनाता है, जिससे पाचन में मदद मिलती है. दिन में 4-5 चोकर युक्त रोटियां खाना पर्याप्त है.

हालांकि, चोकर युक्त आटा फायदेमंद है, लेकिन इसका बहुत ज़्यादा सेवन या सिर्फ चोकर का इस्तेमाल पेट से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है. इससे अल्सर जैसी गंभीर स्थिति भी हो सकती है. तो संतुलन ही सेहत की कुंजी है. अब फैसला आपके हाथ में है चोकर युक्त आटा या बिना चोकर वाला आटा क्या चुनेंगे आप?