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Satna Tourist Place: मानसून ट्रिप का प्लान बना रहे हैं? सतना के पास हरियाली और सुकून से भरपूर कई शानदार स्थल हैं, जो इस मौसम में किसी स्वर्ग से कम नहीं लगते. देखिए PHOTOS
सतना से चित्रकूट की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 80-90 किमी है. इसे तय करने में 1.5 से 2.5 घंटे लगते हैं. पर्यटकों के लिए रामघाट, कामदगिरि मंदिर, हनुमान धारा और गुप्त गोदावरी जैसे स्थल आकर्षण का केंद्र हैं. स्थानीय किवदंतियों के अनुसार भगवान राम ने अपने वनवास का कुछ समय यहीं बिताया था. वहीं कामदगिरि पर्वत को उनकी प्रिय सैरगाह माना जाता है.

सतना से 85 किमी दूर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में बसा पांडव फॉल पर्यटकों को अपनी 30 मीटर ऊंची जलधारा और हरे-भरे जंगलों से मोहित करता है. किवदंती के अनुसार पांडवों ने यहां वनवास बिताया था. मानसून में यहां का प्राकृतिक सौंदर्य चरम पर होता है. यहां की शांत वादियां, हरे-भरे जंगल और क्रिस्टल-क्लियर पानी एक यादगार अनुभव देते हैं. ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए यह स्थान बेहद लोकप्रिय है.

मैहर का शारदा देवी मंदिर सतना से करीब 40 किमी दूर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है. यह 51 शक्तिपीठों में शामिल है, जहां श्रद्धालु 1063 सीढ़ियां या रोपवे से दर्शन करते हैं. नवरात्रि का भव्य उत्सव और पहाड़ी से दिखता सुंदर दृश्य इसे खास बनाते हैं. मान्यता है कि यहीं सती का हार गिरा था, जिससे यहां का नाम मैहर पड़ा. किवदंती है कि 12वीं सदी में योद्धा आल्हा-ऊदल ने मां की तपस्या कर दर्शन पाए थे. आज भी पट बंद होने के बाद पहली पूजा ऊदल ही करते हैं.

सतना से मात्र 25 किमी दूर रीवा डिवीजन में स्थित परसमानिया पठार पर्यटकों के लिए एक छिपा हुआ रत्न है. यह खूबसूरत पठार अपनी हरियाली, शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. यहां की पहाड़ियां और मनोरम दृश्य ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के शौकीनों को आकर्षित करते हैं. जिसके चलते ये जगह आस पास के छेत्रों में दोस्तों, परिवार, लवर्स आदि के घूमने और पिकनिक स्पॉट के रूप में जानी जाती है.

सतना से भरहुत स्तूप की दूरी लगभग 20-25 किमी है जहां तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां मौजूद प्राचीन बौद्ध स्मारक तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था, ये अपनी जटिल नक्काशी और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. पर्यटकों के लिए यहां बौद्ध कला और जातक कथाओं की मूर्तियाँ आकर्षण का केंद्र हैं. पास में स्थित भरहुत कला दीर्घा भी प्राचीन इतिहास प्रेमियों के लिए अवश्य देखने योग्य है.

सतना से धारकुंडी स्थित अघमर्षण कुंड लगभग 60-65 किमी दूरी पर मौजूद है जहाँ सड़क मार्ग से 1.5 घंटे में पहुंचा जा सकता है. यह पौराणिक स्थल महाभारत से जुड़ा है जहां यक्ष-युधिष्ठिर संवाद हुआ और यहीं श्रीकृष्ण ने पांडवों को शुद्धि स्नान की सलाह दी थी. पर्यटकों के लिए शांत वातावरण, प्राकृतिक सौंदर्य और इतिहास से जुड़ा अनुभव उन्हें खूब भाता है. किवदंतियों के अनुसार इस कुंड में नहाने से पाप धूल जाते हैं.

सतना से मात्र 20 किमी दूर रीवा रोड पर स्थित रामवन के अंदर बना तुलसी संग्रहालय पर्यटकों के लिए एक अनूठा गंतव्य है. यहां प्राचीन मंदिरों की मूर्तियां और तुलसीदास से जुड़े अवशेष इतिहास को जीवंत करते हैं. 1977 में स्थापित यह संग्रहालय कला और भक्ति का संगम है. स्थानीय किवदंतियों के अनुसार यह क्षेत्र भगवान राम के वनवास से जुड़ा है, यही वजह है की यहां पर्यटकों की आवाजाही बरों महीने रहती है.