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NEET Success Story: कभी-कभी शौक इंसान को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा देती है. ऐसे ही एक शख्स ने अपने शौक को बिना छोड़े नीट यूजी की परीक्षा में 5वीं रैंक हासिल की हैं.
NEET Success Story: 12 साल की उम्र में डॉक्टर बनने की ठानी.
हाइलाइट्स
- कम उम्र में बड़ा सपना, पक्की रणनीति से हासिल की AIIMS की सीट
- गिटार भी बजाया, क्रिकेट भी खेला… फिर भी NEET में 715 अंक!
- पढ़ाई और मस्ती का सही तालमेल
NEET में हासिल की 720 में से 715 अंक
नीट यूजी 2021 की परीक्षा में 720 में से 715 अंक पाने वाले मेघन एचके के माता-पिता कॉलेज में शिक्षक हैं और वे अपने छात्रों को डॉक्टर बनते देखते थे. इसी से प्रेरित होकर उन्होंने 12 साल की उम्र में डॉक्टर बनने का निश्चय किया. मेघन हाई स्कूल के दौरान उन्होंने साइंस ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया. ये परीक्षाएं उनके लिए अभ्यास का पहला मंच बनीं. कक्षा 11वीं में पहुंचते ही उन्होंने NEET और CET की तैयारी शुरू कर दी थी.
NCERT ही सफलता की कुंजी बनी
शौक भी ज़रूरी हैं – पढ़ाई के साथ संतुलन बनाए रखें
मेघन मानते हैं कि लगातार पढ़ाई से ऊब हो सकती है, इसलिए शौक ज़रूरी है. उन्होंने बताया कि वे क्रिकेट खेलते थे और गिटार भी बजाते थे. इससे उन्हें पढ़ाई के दौरान तरोताज़ा बने रहने में मदद मिली. वे कहते हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ा समय अपने शौक को देना, दिमाग को फिर से सक्रिय कर देता है. NEET से पहले भी मेघन ने कर्नाटक राज्य के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) में रैंक 1 हासिल की थी.
यहां से कर रहे हैं MBBS की पढ़ाई
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ें