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Balaghat News; बालाघाट में पान की दुकान नहीं, बल्कि पान का ठेला मशहूर है. यह ठेला 1974 से लग रहा है. यहां 20 तरह के पान मिलते हैें. स्वात तो पूछिए मत…
हाइलाइट्स
- पाठक जी का पान ठेला 1974 से चल रहा है
- दुकान में 20 तरह के आकृति वाले पान मिलते हैं
- दुकान शाम को सिर्फ तीन घंटे के लिए खुलती है
सिर्फ तीन घंटे के लिए खुलती है दुकान
बालाघाट के कालीपूतली चौक के पास पाठक जी का पान ठेला है. 1974 से पान की ठेला लग रहा है. यहां पर शाम के समय सिर्फ तीन घंटे के लिए दुकान खुलती है. इस दौरान इस दुकान में ग्राहकों की कमी नहीं होती. दुकान में शहर के प्रतिष्ठित लोग आते हैं, जो गपशप करते हैं. उनकी दुकान की खास बात ये है इनकी दुकान में खास आकृति के पान मिलते हैं, जो जिले में कहीं और नहीं मिलते हैं.
पाठक जी अपने पान ठेले में कई आकृति के पान बनाते हैं, जिसे देखने मात्र से ही ग्राहक खुश हो जाते हैं. वह करीब 20 तरह की आकृति के पान बनाते हैं, जिसमें गुजिया, हार्ट शेप, चिड़िया आदि डिजाइन है. यहां पान के शौकीनों की भीड़ लगती है. लोग इनके पान की बेहद तारीफ करते हैं.
पान ही नहीं, पाठक जी का व्यवहार भी मीठा
पान खाने आए लोगों का कहना है कि दुकान के पान का स्वाद शानदार तो है ही, पाठक जी का व्यवहार भी शानदार है. जो लोगों को दुकान की तरफ खींचता है. दुकान महज तीन घंटे के लिए खुलती है. इतनी देर में लोग आकर यहां पान खाते और पैक करा लेते हैं. यहां गपशप कर अपने मन को हल्का करते हैं.