अब नई काउंसिल से जल्द मिलेगी संस्थानों को मान्यता
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भारत सरकार ने 1 जुलाई 2025 से बड़ा बदलाव करते हुए सभी दस्तावेजों और प्रक्रियाओं में ‘पैरामेडिकल’ शब्द हटाने का आदेश दिया है। अब इन्हें ‘एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स’ कहा जाएगा। यह बदलाव सिर्फ भाषा का नहीं, बल्कि इन पेशेवरों की प्रतिष्ठा का प्रतीक भी माना जा रहा है।
देशभर की मेडिकल यूनिवर्सिटी, सरकारी व निजी अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग और भर्ती बोर्ड में यह शब्द लागू होगा। एमपी में भी पैरामेडिकल काउंसिल को भंग कर एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल बनाई जा चुकी है, हालांकि संक्रमण काल में 246 निजी और 25 सरकारी संस्थानों की मान्यता फंसी थी। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने केंद्र से समन्वय के निर्देश दिए और कहा कि अब मान्यता प्रक्रिया तेजी से होगी।
पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. शेलोज जोशी ने बताया कि केंद्र का सर्कुलर मिल गया है और जल्द अमल होगा। सरकार ने नर्सिंग ऑफिसर की तरह रेडियोलॉजिस्ट, डाइटिशियन, लैब टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट आदि को भी सम्मान देने का प्रयास किया है। इससे डिग्री इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर होगी और एलाइड प्रोफेशनल को स्वतंत्र पहचान मिलेगी।