1. गीले कपड़े तुरंत बदलें
अगर बच्चा बारिश में भीग गया है, तो सबसे पहले उसके गीले कपड़े और जूते-मोजे तुरंत उतार दें. नमी शरीर में लंबे समय तक रहने से सर्दी और बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए जितनी जल्दी हो सके सूखे और गर्म कपड़े पहनाएं.
गीले कपड़े बदलने के बाद बच्चे के शरीर को सूखे तौलिये से अच्छे से पोंछें. बालों में भी नमी न रहे, इसका विशेष ध्यान रखें. हो सके तो सिर को हल्के गर्म तौलिये से ढककर सुखाएं.
3. गरारे करवाएं
अगर बच्चा बारिश में बहुत ज्यादा भीग गया है, तो उसे नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करवाएं. यह उपाय गले को संक्रमण से बचाता है और टॉन्सिल जैसी समस्या नहीं होने देता.
बारिश में भीगने के बाद सरसों के तेल से तलवों की मालिश करने से शरीर में गर्मी आती है और सर्दी से बचाव होता है. यह थकावट भी दूर करता है और बच्चे को सुकून देता है.
5. हल्दी वाला दूध या सूप दें
बच्चे को सूखे कपड़े पहनाने के बाद हल्दी वाला दूध, अदरक की चाय (थोड़ी मात्रा में) या गर्म वेजिटेबल सूप पिलाएं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और अंदर से गर्मी देता है, जिससे सर्दी-जुकाम नहीं होता.
बच्चों के बालों में अक्सर बारिश का पानी भर जाता है. अगर बाल अच्छे से न सुखाए जाएं, तो ठंड लग सकती है और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है, इसलिए बालों को तौलिए से अच्छी तरह पोंछने के बाद हेयर ड्रायर या हवा से सुखा लें.
7. पैरों को सुखाना बेहद जरूरी
बारिश के पानी में चलते वक्त बच्चों के जूते और मोजे पूरी तरह गीले हो जाते हैं. यदि उन्हें बिना सुखाए दोबारा पहनाया जाए, तो फंगल संक्रमण हो सकता है, इसलिए पैरों को सुखाकर साफ जूते-मोजे पहनाएं.
यदि उपरोक्त सभी सावधानियों के बाद भी बच्चे को बुखार, सर्दी, खांसी या थकावट जैसी शिकायत हो रही है, तो देरी न करें. तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और सही इलाज शुरू करें.
बच्चे बारिश का मजा लें, इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी हमारी है. कुछ आसान घरेलू उपायों और थोड़ी सी सतर्कता से आप उन्हें मानसून में बीमार होने से बचा सकते हैं. ये उपाय न सिर्फ असरदार हैं बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक भी हैं, जो बिना किसी दवा के बच्चों की देखभाल में आपकी मदद करेंगे. बारिश हो या ठंड, जब बात बच्चों की सेहत की हो, तो सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है.