बच्चे और बारिश…आपका लाडला भीग जाए, तो फौरन करें ये घरेलू उपाय

बच्चे और बारिश…आपका लाडला भीग जाए, तो फौरन करें ये घरेलू उपाय


खंडवा. मानसून का मौसम आते ही बच्चों की शरारतें और उत्साह भी बढ़ जाता है. जहां बारिश की बूंदें हर उम्र के व्यक्ति को आकर्षित करती हैं, तो वहीं बच्चे तो जैसे इसका नाम सुनते ही बाहर खेलने दौड़ पड़ते हैं लेकिन यही बारिश कभी-कभी उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाती है. बारिश में भीगना जितना मजेदार लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है, अगर सही देखभाल न की जाए. बारिश के पानी में कई तरह के कीटाणु और बैक्टीरिया होते हैं, जो बच्चों की इम्युनिटी पर असर डाल सकते हैं. ऐसे में अगर आपका बच्चा बारिश में भीग जाए, चाहे खेलते हुए या स्कूल से लौटते वक्त, तो घबराने की बजाय आपको कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाने चाहिए. ये उपाय न सिर्फ बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार से बचाएंगे बल्कि उन्हें आराम भी देंगे.

1. गीले कपड़े तुरंत बदलें
अगर बच्चा बारिश में भीग गया है, तो सबसे पहले उसके गीले कपड़े और जूते-मोजे तुरंत उतार दें. नमी शरीर में लंबे समय तक रहने से सर्दी और बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए जितनी जल्दी हो सके सूखे और गर्म कपड़े पहनाएं.

2. शरीर को अच्छे से सुखाएं
गीले कपड़े बदलने के बाद बच्चे के शरीर को सूखे तौलिये से अच्छे से पोंछें. बालों में भी नमी न रहे, इसका विशेष ध्यान रखें. हो सके तो सिर को हल्के गर्म तौलिये से ढककर सुखाएं.

3. गरारे करवाएं
अगर बच्चा बारिश में बहुत ज्यादा भीग गया है, तो उसे नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करवाएं. यह उपाय गले को संक्रमण से बचाता है और टॉन्सिल जैसी समस्या नहीं होने देता.

4. सरसों तेल से तलवों की मालिश
बारिश में भीगने के बाद सरसों के तेल से तलवों की मालिश करने से शरीर में गर्मी आती है और सर्दी से बचाव होता है. यह थकावट भी दूर करता है और बच्चे को सुकून देता है.

5. हल्दी वाला दूध या सूप दें
बच्चे को सूखे कपड़े पहनाने के बाद हल्दी वाला दूध, अदरक की चाय (थोड़ी मात्रा में) या गर्म वेजिटेबल सूप पिलाएं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और अंदर से गर्मी देता है, जिससे सर्दी-जुकाम नहीं होता.

6. बालों को अच्छे से सुखाना न भूलें
बच्चों के बालों में अक्सर बारिश का पानी भर जाता है. अगर बाल अच्छे से न सुखाए जाएं, तो ठंड लग सकती है और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है, इसलिए बालों को तौलिए से अच्छी तरह पोंछने के बाद हेयर ड्रायर या हवा से सुखा लें.

7. पैरों को सुखाना बेहद जरूरी
बारिश के पानी में चलते वक्त बच्चों के जूते और मोजे पूरी तरह गीले हो जाते हैं. यदि उन्हें बिना सुखाए दोबारा पहनाया जाए, तो फंगल संक्रमण हो सकता है, इसलिए पैरों को सुखाकर साफ जूते-मोजे पहनाएं.

8. अगर लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें
यदि उपरोक्त सभी सावधानियों के बाद भी बच्चे को बुखार, सर्दी, खांसी या थकावट जैसी शिकायत हो रही है, तो देरी न करें. तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और सही इलाज शुरू करें.

बच्चे बारिश का मजा लें, इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी हमारी है. कुछ आसान घरेलू उपायों और थोड़ी सी सतर्कता से आप उन्हें मानसून में बीमार होने से बचा सकते हैं. ये उपाय न सिर्फ असरदार हैं बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक भी हैं, जो बिना किसी दवा के बच्चों की देखभाल में आपकी मदद करेंगे. बारिश हो या ठंड, जब बात बच्चों की सेहत की हो, तो सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है.



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