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Bhopal News: दुकान संचालक पंकज मोटवानी ने लोकल 18 को बताया कि उनके पिता ने साल 1980 से स्वाद और सेहत से भरपूर दाल पकवान के ठेले से इस सफर की शुरुआत की थी. पिछले 45 वर्षों से यह डिश भोपालवासियों की पहली पसंद बनी…और पढ़ें
लोकल 18 से बात करते हुए दुकान संचालक पंकज मोटवानी ने बताया कि उनके पिता ने 1980 से स्वाद और सेहत से भरपूर दाल पकवान के ठेले से सफर की शुरुआत की थी. पिछले 45 सालों से यह डिश भोपाल की जनता की पहली पसंद बनी हुई है. इसे सुबह नाश्ते के तौर पर भोपाली लेना पसंद करते हैं क्योंकि ये प्रोटीन से भरी हुई डिश होती है. वह बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति दो दाल पकवान खा ले, तो यह दिनभर की प्रोटीन की जरूरत को पूरा कर देता है.
16 रुपये से शुरू किया था बिजनेस
पंकज बताते हैं उनके पिता इंदौर से काम के सिलसिले में भोपाल में आए थे. यहां उन्होंने इस सिंधी डिश का स्वाद लोगों को चखाना शुरू किया. सिंधी परिवार में दाल पकवान एक स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार माना जाता है, जिसे लगभग रोजाना खाया जाता है. उनके पिता घर से ही दाल पकवान बनाकर लाते थे और एक छोटी सी रेहड़ी पर रखकर उसे बेचा करते थे. हम किसी भी बाहरी कर्मचारी का साथ नहीं लेते हैं. मेरे पिता ने ₹16 से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी और उस समय वह 40 पैसे में एक दाल पकवान बेचा करते थे. सर्राफा व्यापारी से लेकर पुराने भोपाल के लोगों को दाल पकवान का स्वाद इतना पसंद आने लगा कि आज भी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है.
कैसे बनाया जाता है दाल पकवान?
पंकज आगे बताते हैं कि दाल पकवान मैदा की पपड़ी, चने की दाल, इमली की चटनी, अमचूर, लाल मिर्च, काला नमक, धनिया, पुदीने की चटनी और प्याज डालकर बनाया जाता है. तब जाकर यह खास दाल पकवान बनकर तैयार होता है. उनकी दुकान सुबह 11 बजे खुलती है और दोपहर 2:30 बजे तक बंद हो जाती है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग दाल पकवान का स्वाद चखने पहुंचते हैं.