भोपाल में ब्लिंकिट कंपनी के करीब 200 डिलीवरी पार्टनर काम छोड़कर हड़ताल पर बैठ गए। प्रदर्शनकारी युवक मालवीय नगर स्थित ब्लिंकिट के डार्क स्टोर के बाहर जमा हुए और स्टोर मैनेजर एवं एचआर के खिलाफ नाराज़गी जताई। इनका कहना है कि कंपनी ने प्रति किलोमीटर भुगत
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डिलीवरी पार्टनर मोहम्मद रिजवान ने बताया, “शुरुआत में हमें 15 रुपए प्रति किमी तक भुगतान मिलता था, लेकिन अब यह घटकर सिर्फ 7 रुपए रह गया है। मार्च के बाद इंसेंटिव भी कम कर दिए गए हैं। अब 25 से ज्यादा डिलीवरी करने पर भी अधिकतम 9 रुपए प्रति किमी ही मिल रहे हैं।”
रिजवान ने कहा कि वे बीते कई दिनों से स्टोर मैनेजर और एचआर से इस संबंध में लगातार संपर्क कर रहे हैं। तीन दिन पहले भी सांकेतिक रूप से एक घंटे की हड़ताल की गई थी, तब HR सौरभ जैन ने भरोसा दिलाया था कि दो दिन में समाधान मिलेगा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं सौरभ जैन का कहना है कि उन्हें इस विषय में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
अगले चार दिन तक हड़ताल पर रहने की बात कही।
चार दिन की हड़ताल का ऐलान
डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उन्हें बोनस या ऑफर्स की जरूरत नहीं, बल्कि प्रति किमी एक पारदर्शी और उचित दर चाहिए। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो वे चार दिन तक डिलीवरी बंद रखेंगे। जानकारी के मुताबिक, भोपाल के अन्य इलाकों के डिलीवरी पार्टनर भी इस हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।
ब्लिंकिट कैसे काम करता है?
- ऑर्डर प्रक्रिया: ग्राहक ऐप या वेबसाइट से सामान चुनते हैं और भुगतान करते हैं।
- डार्क स्टोर: शहरों में स्थित गोदामों (डार्क स्टोर) से ऑर्डर पैक किए जाते हैं।
- फास्ट डिलीवरी: डिलीवरी पार्टनर 10-20 मिनट में सामान ग्राहक तक पहुंचाते हैं।
ब्लिंकिट मुख्य रूप से ग्रोसरी और दैनिक उपयोग की चीजें घर तक पहुंचाने वाली प्रमुख ऑनलाइन डिलीवरी सेवा है।