राम जी ने जहां खुद धरती से निकाला था पानी, 5000 साल बाद भी बह रहा है ये चमत्कारी कुंड

राम जी ने जहां खुद धरती से निकाला था पानी, 5000 साल बाद भी बह रहा है ये चमत्कारी कुंड


क्या आप विश्वास करेंगे कि खंडवा में एक ऐसा मंदिर है जहाँ भगवान राम ने खुद धरती से पानी निकाला था, और वो पानी आज भी कभी नहीं सूखता. ये चमत्कार है रामेश्वर मंदिर का, जो धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि इतिहास की जीवित मिसाल भी है.

खंडवा जिले में स्थित यह मंदिर मान्यता के अनुसार करीब 5000 साल पुराना है.कहा जाता है कि जब भगवान राम, सीता और लक्ष्मण वनवास के दौरान दक्षिण दिशा की ओर बढ़ रहे थे, तब उन्होंने ‘खांडववन’ में कुछ समय के लिए विश्राम किया था जो आज का खंडवा है. प्यास लगने पर राम ने अपने बाण से ज़मीन में छेद किया और वहीं से जलधारा फूट पड़ी, जिसे आज रामेश्वर कुंड के नाम से जाना जाता है. यही नहीं, आज भी वह जल कुंड सूखता नहीं न गर्मियों में, न सूखे में. इसे लोग ‘रामजी का चमत्कार’ मानते हैं.

मंदिर में भगवान शिव का पूजन होता है. मान्यता है कि स्वयं श्रीराम ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी. उनके साथ मंदिर में माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं. यही नहीं, यहाँ चार पौराणिक कुंड मौजूद हैं रामेश्वर कुंड, सूरज कुंड, पद्म कुंड और भीम कुंड, जिनके जल को अत्यंत पवित्र माना जाता है.

हर साल नवरात्र, महाशिवरात्रि और रामनवमी जैसे पर्वों पर यहाँ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. कीर्तन, कथा, रामलीला और सत्संग यहाँ की परंपरा का हिस्सा हैं. यह मंदिर ना सिर्फ भक्ति का केंद्र है, बल्कि एक सांस्कृतिक मंच भी है.

हालांकि, नंदनी अत्रे और कई स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर की संरक्षण व्यवस्था उतनी मजबूत नहीं है जितनी होनी चाहिए. पुराने पत्थरों के मंडप और बावड़ियाँ धीरे-धीरे टूट रही हैं. अगर नगर निगम और पुरातत्व विभाग ध्यान दें, तो यह जगह खंडवा की पहचान और प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकती है.

खंडवा का रामेश्वर मंदिर केवल पूजा की जगह नहीं बल्कि इतिहास से जुड़ने का मौका है. जब आप वहां खड़े होकर उस कुंड को देखते हैं, जहां कभी भगवान राम ने बाण मारा था, तो समय जैसे थम सा जाता है.



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