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इन दिनों बारिश के मौसम के चलते रीवा में जलप्रपातों की रौनक बढ़ गई है। पूर्वा, क्योंटी, चचाई समेत कई प्रमुख जलप्रपातों पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। लेकिन हर साल यहां हादसे भी बढ़ते जा रहे हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। क्यों
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बता दें कि हाल ही में एक एयरफोर्स के जवान की मौत हो गई थी। दरअसल, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में तैनात पांच वायुसेना के जवान रविवार, 29 जून को दोपहर करीब 4 बजे क्योंटी जलप्रपात घूमने पहुंचे थे। सभी नहाने के लिए जलप्रपात के नीचे बने गहरे कुंड में उतरे। इसी दौरान एक जवान का पैर फिसला और वह तेज बहाव में बहकर गहरे पानी में चला गया।
घटना की जानकारी मिलते ही NDRF, SDRF और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक सर्च ऑपरेशन चला और सोमवार सुबह जवान का शव बरामद कर लिया गया।
स्थायी सुरक्षा इंतजाम अब भी नहीं स्थानीय लोग और पर्यटक मानते हैं कि प्रशासन को जलप्रपात जैसे खतरनाक स्थानों को ‘रेड जोन’ घोषित कर स्थायी सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए। लेकिन अब तक न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए, न ही प्रशिक्षित गोताखोरों की तैनाती की गई है। हादसे के बाद ही कुछ दिन के लिए व्यवस्था दिखती है, फिर स्थिति पहले जैसी हो जाती है।
प्रशासन ने दिए निर्देश जवान की मौत के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस विषय को संज्ञान में लिया है। उन्होंने जलप्रपातों पर संकेतक बोर्ड लगाने, लाउडस्पीकर से चेतावनी प्रसारित करने और आसपास के पत्थरों पर चेतावनी अंकित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, शिफ्ट में पुलिस और कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जा रही है।
प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि पर्यटक जलप्रपातों को निश्चित दूरी से ही देखें और रील या फोटो के लिए गहरे पानी में जाने का प्रयास न करें। थोड़ी सी लापरवाही जीवन के लिए संकट बन सकती है।