Last Updated:
Short Clothes Banned in Jabalpur Temple: जबलपुर के मंदिरों में इन दिनों मंदिर परिसर में लगाए गए पोस्टर चर्चाओं का विषय बन गए हैं. जहां महिलाओं के लिए विशेष अपील की गई है. जिसमें कहां गया है मंदिर परिसर में महिल…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- जबलपुर के मंदिरों में छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश वर्जित.
- महिलाओं से भारतीय संस्कृति के अनुरूप वस्त्र पहनने की अपील.
- अधिकांश मंदिरों में पोस्टर लगाए गए हैं.
इसकी रियलिटी चेक करने लोकल 18 की टीम जबलपुर के उन तमाम मंदिरों में पहुंची. जिन मंदिरों में इस तरीके के पोस्टर लगाए गए हैं. यह पोस्टर महाकाल संघ अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा लगाए गए हैं. जो शहर के अधिकांश मंदिरों के बाहर लगे हुए हैं. हमारी मुलाकात संगठन के तमाम उन पदाधिकारी से हुई. जो सदर स्थित काली मंदिर में पोस्टर लगाने पहुंचे हुए थे.
जब हमारी टीम ने सूट पहनकर मंदिर दर्शन करने पहुंची महिला से संगठन की इस अपील के बारे में राय जानी. तब महिला ने कहां हम संगठन की इस अपील से बिल्कुल सहमत हैं क्योंकि मंदिर में शरीर दिखाने से कुछ नहीं होगा. शरीर को जितना ढक कर रखेंगे और छुपा कर रखेंगे, उतना ही अच्छा होगा. इस तरीके के वस्त्र घटनाओं को न्योता देते हैं. खासकर मंदिरों में छोटे वस्त्र पहनकर प्रवेश करना बिल्कुल ही सही नहीं है. महिलाओं की यही गलती सभी पर भारी पड़ती है.
कन्हैया तिवारी ने बताया मंदिरों में जब महिलाएं अभद्र वस्त्र पहन कर आती हैं. तब अन्य श्रद्धालुओं का ध्यान भी आकर्षित करती हैं. जो हमारी धार्मिक भावनाओं को कहीं ना कहीं ठेस पहुंचाने का भी काम करती हैं. इतना ही नहीं महिलाओं को हिंदू धर्म में शक्ति के रूप में पूजा जाता है. ऐसे में महिलाओं से भारतीय परंपरा के अनुरूप ही वस्त्र पहनने की अपील संगठन ने की है. जिससे किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत न हो.
अंकित मिश्रा ने बताया संगठन ने यह पहल शुरू की है. जिसके तहत अभी तक शहर भर के आधा सैकड़ा से अधिक मंदिरों में जाकर पोस्टर चिपकाए गए हैं, साथ ही महिलाओं से भी अपील की गई है. वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा यदि महिलाओं को भारतीय संस्कृति के अनुरूप वस्त्र नहीं पहनना है. तब उन्हें मंदिर परिसर के अंदर जाने से भी रोका जाएगा. बहरहाल अब संगठन की इस पहल का परिणाम मंदिरों में भी देखने को मिलने लगा है. जिसका समर्थन श्रद्धालु करते हुए दिखाई दे रहे हैं.