6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. मान्यता है कि इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है. इसी दिन से भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायक होती है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस दिन दीपक के उपाय करने से सालभर लक्ष्मी-नारायण की कृपा बनी रहती है.
जगत के पालनहार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं. इस समय में वे पाताल लोक में निवास करते हैं. अपने परम भक्त असुरराज बलि को दिए वचन के अनुसार, भगवान विष्णु 4 माह के लिए पाताल लोक में रहते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास शुरू हो जाता है, जो देवउठनी एकादशी तक रहता है. देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.
क्या है दीपक जलाने का लाभ?
देवशयनी एकादशी पर दीपक जलाने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है. इससे घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. कहते हैं कि यह उपाय भगवान विष्णु की कृपा पाने और जीवन के अंधकार को दूर करने का एक कारगर तरीका है.
चार जगह जरूर जलाएं दीपक
द्वार – देवशयनी एकादशी पर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही शुभता का आगमन होता है.
तुलसी – देवशयनी एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास सदैव के लिए बना रहे.
पीपल के पेड़ – देवशयनी एकादशी पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही जीवन के सभी दुखों का नाश होता है.