आने वाली है देव शयनी एकादशी, इस दिन जरूर करें ये 4 उपाय, खुश होंगे लक्ष्मी-नारायण, पलट जाएगी किस्मत!

आने वाली है देव शयनी एकादशी, इस दिन जरूर करें ये 4 उपाय, खुश होंगे लक्ष्मी-नारायण, पलट जाएगी किस्मत!


Devshayani Ekadashi 2025. हिन्दू धर्म में एक साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है. एक कृष्ण, तो दूसरा शुक्ल पक्ष में, धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार श्री हरि और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी मनोकामना पूरी होती हैं.

6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. मान्यता है कि इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है. इसी दिन से भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायक होती है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस दिन दीपक के उपाय करने से सालभर लक्ष्मी-नारायण की कृपा बनी रहती है.

भगवान विष्णु क्यों जाते हैं योग निद्रा में
जगत के पालनहार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं. इस समय में वे पाताल लोक में निवास करते हैं. अपने परम भक्त असुरराज बलि को दिए वचन के अनुसार, भगवान विष्णु 4 माह के लिए पाताल लोक में रहते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास शुरू हो जाता है, जो देवउठनी एकादशी तक रहता है. देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.

क्या है दीपक जलाने का लाभ?

देवशयनी एकादशी पर दीपक जलाने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है. इससे घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. कहते हैं कि यह उपाय भगवान विष्णु की कृपा पाने और जीवन के अंधकार को दूर करने का एक कारगर तरीका है.

चार जगह जरूर जलाएं दीपक
द्वार – देवशयनी एकादशी पर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही शुभता का आगमन होता है.

श्री हरि – देवशयनी एकादशी पर नारायण के सामने घी का दीपक जलाएं. इससे मनचाहा फल मिलेगा.और रुके हुए कार्य पुण होंगे. इसलिए इस दिन श्री हरि के सामने दीपक जरूर लगाएं.

तुलसी – देवशयनी एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास सदैव के लिए बना रहे.

पीपल के पेड़ – देवशयनी एकादशी पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही जीवन के सभी दुखों का नाश होता है.



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