कटनी में मानसून की पहली बारिश ने जिले में विकास कार्यों की वास्तविकता सामने ला दी है। ढीमरखेरा विकासखंड के इमलिया गांव में एक महिला का अंतिम संस्कार बारिश में करना पड़ा। मुक्तिधाम में शेड की व्यवस्था नहीं होने से परिजनों को खुले आसमान के नीचे अंतिम क
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दुखनी बाई चौधरी की शुक्रवार को मौत हो गई। मृतका के परिजन संदीप चौधरी ने बताया कि गांव के मुक्तिधाम में शव को बारिश से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। शेड या अन्य सुविधाओं के अभाव में उन्हें तेज बारिश में खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।
इससे पहले इसी विकासखंड के दासर्मन गांव में एक महिला का शव पॉलिथीन में लपेटकर अंतिम संस्कार किया गया था। इस घटना ने भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे।
ढीमरखेड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी यज्ञवेंद्र कोरी ने कहा कि जनपद क्षेत्र की अधिकतर ग्राम पंचायतों में शांति धाम और मुक्तिधाम में व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इमलिया गांव में जांच कराई जाएगी और आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी।
बारिश ने ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया है। जिले के रीठी जनपद क्षेत्र के शिवनगर में नाली निर्माण का काम समय पर पूरा न होने से कई घरों में पानी घुस गया है। इन घटनाओं ने सरकारी तंत्र की उदासीनता और जनता की परेशानियों को सामने ला दिया है।