मोल्ड और फंगस क्या है?
मोल्ड और फंगस हवा में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु होते हैं, जो गीली, बंद और अंधेरी जगहों में पनपने लगते हैं. बारिश के मौसम में जब हवा में नमी बढ़ जाती है और वेंटिलेशन सही नहीं रहता, तब ये तेजी से फैलते हैं. खासतौर पर लकड़ी, कार्डबोर्ड, कपड़ा और सीलिंग टाइल्स जैसे सतहों पर इनका असर ज्यादा होता है. इससे सिरदर्द, थकान, त्वचा एलर्जी, नाक में खुजली और सांस की दिक्कत जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
1. वेंटिलेशन को बेहतर बनाएं
बारिश में अधिकतर लोग खिड़कियां-दरवाजे बंद रखते हैं ताकि पानी और मच्छर घर में न आएं, लेकिन यही बंद माहौल फफूंदी के लिए परफेक्ट होता है. ऐसे में दिन में कुछ समय के लिए खिड़कियां खोलें, ताकि सूरज की रोशनी और ताजी हवा घर के हर कोने में पहुंच सके. जहां संभव हो वहां क्रॉस वेंटिलेशन रखें और छोटे कमरे, कोठरी या बाथरूम के दरवाजे दिन में कुछ देर खुले रखें.
2. फर्नीचर को दीवारों से थोड़ा दूर रखें
लकड़ी के फर्नीचर जैसे अलमारी, बैड, सोफा आदि को दीवार से चिपकाकर रखने से उनके पीछे नमी जमा हो जाती है. कोशिश करें कि इन्हें दीवार से थोड़ा दूर रखें, ताकि हवा चल सके और फंगस न पनपे.
काउच, बेडिंग, पर्दों और कार्पेट पर अगर फंगस दिखे तो वहां पर किसी अच्छी क्वालिटी के डिसइंफेक्टेंट स्प्रे का छिड़काव करें. इससे न केवल फंगस खत्म होता है, बल्कि बदबू भी जाती है. सावधानी के साथ छिड़काव करें और सतह को अच्छे से सुखाएं.
4. सिरका और बेकिंग सोडा का घरेलू नुस्खा
अगर आप केमिकल का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो एक घरेलू उपाय अपनाएं एक स्प्रे बोतल में सफेद सिरका भरकर फंगस वाली सतह पर छिड़क दें. इसके बाद वहां पर थोड़ा बेकिंग सोडा छिड़क दें और ब्रश से साफ करें. यह तरीका पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित होता है.
छत, दीवार या बाथरूम में अगर हल्की भी सीलन हो तो तुरंत उसका समाधान करें. लीकेज फंगस का सबसे बड़ा कारण होता है. हर हफ्ते घर की पाइपलाइन और सीलिंग की जांच करें.
6. घर को सूखा रखें
फर्श और बाथरूम की दीवारों को दिन में एक बार सुखाएं. जहां संभव हो वहां डीह्यूमिडिफायर या एयर फ्रेशनर का इस्तेमाल करें. कपड़े या बिस्तर अगर गीले हों तो तुरंत धोकर सुखा लें. कपड़ों को नमी में फोल्ड करके ना रखें.