नर्मदा बैकवाटर में 20 दिन में 3 मीटर की गिरावट: राजघाट पर जलस्तर 116.50 मीटर, खतरे के निशान से 6.5 मीटर नीचे – Barwani News

नर्मदा बैकवाटर में 20 दिन में 3 मीटर की गिरावट:  राजघाट पर जलस्तर 116.50 मीटर, खतरे के निशान से 6.5 मीटर नीचे – Barwani News


नर्मदा का पानी मटमैला, शुद्धिकरण के लिए ब्लीचिंग-ईलम की मात्रा बढ़ाई

बड़वानी जिले में नर्मदा नदी के बैकवाटर स्तर में बीते एक महीने से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। करीब 20 दिनों में बैकवाटर लगभग 3 मीटर तक घट चुका है।

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जहां पिछले वर्ष वर्षाकाल में इसका स्तर 138 मीटर तक पहुंचा था, वहीं इस वर्ष यह गिरकर केवल 116.50 मीटर तक आ गया है। शुक्रवार सुबह 9 बजे एनवीडीए द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, राजघाट पर बैकवाटर का स्तर 116.50 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 123.280 मीटर से करीब 6.5 मीटर नीचे है।

बैकवाटर कम होने से राजघाट रोहिणी तीर्थ क्षेत्र में पुराने घाट, मंदिर और सड़कें नजर आने लगी हैं। स्टेट समय से बनी घुमावदार घाट की सड़क भी अब स्पष्ट दिख रही है। हालांकि इससे घाटों पर कीचड़ फैल गया है और नर्मदा का पानी मटमैला हो गया है।

छोटी कसरावद क्षेत्र में नर्मदा पर बने बड़े पुल के पास नगर पालिका के इंटेकवेल के आसपास पानी की गुणवत्ता गिरती जा रही है। इंटेकवेल कर्मियों के अनुसार फिलहाल पानी 10-12 फीट तक डूबा है, जिससे फिलहाल जल आपूर्ति सुचारू है। लेकिन यदि दो से तीन मीटर और गिरावट होती है, तो वैकल्पिक उपाय करना अनिवार्य हो जाएगा।

इस स्थिति की एक बड़ी वजह यह है कि वर्तमान में नर्मदा पर बने तीन प्रमुख बांधों- सरदार सरोवर, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर के गेट बंद हैं।

शुक्रवार सुबह 9 बजे सरदार सरोवर का लेवल 116.55 मीटर रहा, जबकि इंदिरा सागर परियोजना का जलस्तर 250.80 मीटर था, जहां से 3 टरबाइन से 690 क्यूमेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।

ओंकारेश्वर परियोजना का स्तर 194.21 मीटर रहा, और वहां से 3 टरबाइन से 711 क्यूमेक पानी छोड़ा गया।

बैकवाटर में आई कमी से जहां घाटों पर श्रद्धालुओं की आवाजाही फिर से शुरू हुई है, वहीं पानी की गुणवत्ता और घाटों की सफाई को लेकर चिंता भी बढ़ गई है।

वर्षाकाल में जलस्तर घटने से पुराने घाट, मंदिर सतह पर आए

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बैकवाटर कम होने से तटीय क्षेत्र में कीचड़ फैला, श्रद्धालु परेशान

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