दरअसल हाल ही में इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जारी आदेश के तहत विंध्याचल पर्वत के घने जंगल में मौजूद खतरनाक वॉटरफॉल और एकांत पर्यटन स्थलों पर आम जनता का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. प्रशासन ने यह कदम सुरक्षा कारणों के चलते उठाया है क्योंकि पिछले कुछ साल में इन क्षेत्रों में कई हादसे हुए हैं, जिनमें लोगों की जान तक चली गई थी.
इन वॉटरफॉल पर जाना प्रतिबंधित
प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित स्थलों की सूची में तिंछा वॉटरफॉल, चोरल फॉल, चोरल डेम, सीतलामाता फॉल, कजलीगढ़, मेहंदी कुंड, जामन्या कुंड, मोहाडी फॉल, रतबी वॉटरफॉल, लोहिया कुंड, जूनापानी, चिड़िया भड़क, बामनिया कुंड, जोगी भड़क और हत्यारी खो जैसे प्राकृतिक स्थल शामिल हैं. ये सभी स्थल दूरस्थ, दुर्गम और आपात स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिहाज से बेहद जटिल माने जाते हैं.
मानसून में यहां पानी का बहाव काफी तेज हो जाता है, रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं और सुरक्षा के इंतजाम भी न के बराबर होते हैं. बावजूद इसके कई युवा सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने या रोमांच की तलाश में इन स्थलों पर पहुंच जाते हैं, जिससे हादसों की आशंका और बढ़ जाती है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इन प्रतिबंधित स्थलों पर घूमता हुआ पाया गया, तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसमें जुर्माना, हिरासत और जेल तक की सजा हो सकती है.
मानसून में इन जगहों पर घूमें
पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम इन इलाकों में लगातार निगरानी कर रही है और चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे सिर्फ अधिकृत, सुरक्षित और विकसित पर्यटन स्थलों की ही यात्रा करें. मांडू, महेश्वर, जनापाव और जाम दरवाजा जैसे स्थल मानसून में भी पर्यटकों के लिए आकर्षक और अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाते हैं.