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Monsoon Pest Control Tips: गर्मी से राहत देने वाली बारिश अपने साथ एक बड़ी समस्या भी लेकर आई है. कीड़े-मकौड़ों का आतंक! बघेलखंड के ग्रामीण इलाकों में लोग इनसे निपटने के लिए कुछ खास देसी ट्रिक्स आजमा रहे हैं.
बरसात के मौसम में हवा में बढ़ी नमी और जगह-जगह जमा पानी की वजह से कीट-पतंगों की प्रजनन दर तेजी से बढ़ती है. यही कारण है कि इस मौसम में मच्छर, तिलचट्टे, चींटियां और अन्य कीड़े घरों में आसानी से घुस आते हैं.

स्थानीय निवासी सुनीता तिवारी बताती हैं कि बघेलखंड क्षेत्र में मानसून के दौरान कीड़ों से निपटने के लिए परंपरागत उपाय आज भी अपनाए जाते हैं. ग्रामीण लोग घरों में नीम की पत्तियों और गोबर का छिड़काव करते हैं, जिससे कीड़े दूर रहते हैं.

इन कीड़ों की सबसे बड़ी समस्या तब सामने आती है. जब ये रसोई में घुसकर खाने-पीने की चीजों को संक्रमित करते हैं. इससे फूड पॉयजनिंग, डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

कीड़ों से बचाव के लिए सबसे ज़रूरी है. घर में साफ-सफाई. गीला और सूखा कचरा समय पर बाहर करें, नालियों की नियमित सफाई करें और पानी को इकट्ठा न होने दें.

कीट अक्सर जलती लाइटों की तरफ आकर्षित होते हैं खासकर बालकनी और छत की लाइटें. रात में इन्हें बंद कर देना चाहिए ताकि कीड़ों की आवाजाही रोकी जा सके.

नींबू और बेकिंग सोडा को मिलाकर तैयार किया गया स्प्रे एक प्राकृतिक कीट नाशक की तरह काम करता है. इसे उन जगहों पर छिड़कें जहां कीड़े ज्यादा दिखते हैं.

पेपरमिंट और लैवेंडर जैसे एसेंशियल ऑयल्स की तेज़ खुशबू से कीड़े दूर भागते हैं. इन्हें पानी में मिलाकर घर के कोनों में स्प्रे करना बहुत कारगर होता है.

वहीं कई जगह आज भी गांवों में गोबर का उपयोग पूरे घर में पोछे के तौर पे किया जाता है, लेकिन बारिश के मौसम में कुछ दिन इसका प्रयोग टाल देना बेहतर है क्योंकि इससे कीड़ों का आकर्षण बढ़ सकता है.