रोड नहीं… जिम्मेदारी भी बायपास: 15 साल में एक हजार करोड़ टोल वसूला; न सर्विस रोड बनी, न लाइट लगी और न ही अंडरपास सुधार पाए – Indore News

रोड नहीं… जिम्मेदारी भी बायपास:  15 साल में एक हजार करोड़ टोल वसूला; न सर्विस रोड बनी, न लाइट लगी और न ही अंडरपास सुधार पाए – Indore News



डकाच्या से अर्जुन बड़ौद के बीच लगे जाम के बाद बायपास की दुर्दशा पर भास्कर का सबसे बड़ा इन्वेस्टिगेशन

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डकाच्या से अर्जुन बड़ौद के बीच लगे जानलेवा जाम ने बायपास की व्यवस्थाओं को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। बायपास से रोज 28 से 30 हजार वाहन गुजरते हैं, जिनसे औसत 28 लाख रुपए रोज का टोल टैक्स वसूला जा रहा है। 15 वर्षों से ये वसूली चल रही है। अब तक करीब एक हजार करोड़ रुपए का टोल टैक्स वसूल किया जा चुका है।

बावजूद इसके आधे से ज्यादा हिस्से में न सर्विस रोड बन पाई है, न पूरे रोड पर लाइट लग पाई है और न ही अंडरपास सुधार पाए हैं। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं और दिन में कई बार जाम लग रहा है। रालामंडल व एमआर–10 पर फ्लायओवर निर्माण में देरी ने मुसीबत और बढ़ा दी है। बायपास की डीपीआर के मुताबिक एमआर-10, रालामंडल ब्रिज 5 साल पहले बन जाना चाहिए थे।

मेंटेनेंस के मूलभूत प्रावधान की भी अनदेखी

मार्किंग, लाइट, साइन बोर्ड, सिक्स लेन बायपास का पैचवर्क करने के साथ सर्विस रोड का मेंटेनेंस, बोगदों का रखरखाव, स्ट्रीट लाइट आदि सहित 10 से ज्यादा काम टोल कंपनी को करने थे। ये सब किए ही नहीं गए। इससे लगातार हालात खराब हुई।

स्ट्रीट लाइट भी अधूरी 2018 में इसके दोनों ओर 32-32 किमी में सर्विस रोड बनाने और उस पर स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्णय लिया गया। अब तक 50% काम भी नहीं हुआ। अब कह रहे, निगम पैसा ले ले और लगा दें।

रैलिंग भी अधूरी छोड़ी 2021-22 में बायपास पर हादसे बढ़े तो मुख्य कैरेज वे के दोनों और 32-32 किमी लोहे की रैलिंग लगाने का निर्णय लिया गया, ताकि सर्विस रोड व अवैध क्रासिंग से वाहन न आ सकें। ये भी अधूरा छोड़ दिया।

ट्रैफिक का अनुमान ही नहीं लगा पाए जिम्मेदार प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की सबसे बड़ी वजह यह कि एनएचएआई बायपास पर ट्रैफिक का अनुमान नहीं लगा पाई। उनको अंदाजा नहीं था कि कुछ ही वर्षों में दोनों ओर 10 लाख आबादी का आवासीय क्षेत्र बन जाएगा।​​​​​​​

सुविधाएं जो बायपास पर अब तक नहीं जुटा पाए प्रोजेक्ट शर्तों के मुताबिक कंपनी को स्ट्रीट लाइट, सुविधाघर, 15–15 किमी पर चिकित्सकीय एड पोस्ट, बस खड़े रहने का स्थान, पौधारोपण आदि सुविधाएं उपलब्ध कराना थीं लेकिन अब तक भी ये नहीं जुटा पाए हैं। ​​​​​​​

बायपास असुरक्षित क्यों हो रहा? ​​​​​​​

  • 2014 में आसपास के गांवों को नगर निगम क्षेत्र में लिया गया। कनेक्टिविटी की प्लानिंग नहीं की।
  • निगम क्षेत्र बनने से बायपास के दोनों ओर सघन बसाहट शुरू हो गई। नगर निगम ने भी कॉलोनी परमिशन देना शुरू कर दिया।
  • कमर्शियल काम तो चल ही रहा है। बायपास पर लोकल ट्रैफिक तेजी से बढ़ा। वर्तमान में दोनों ओर 300 से ज्यादा कॉलोनियां और 50 से ज्यादा टाउनशिप हैं।
  • पीथमपुर में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार से भारी वाहनों की आवाजाही तीन से चार गुना हो गई है। उस हिसाब से बायपास का प्लान अपडेट ही नहीं किया।​​​​​​​

​​​​​​​​​​​​​​ट्रैफिक बढ़ा तो सुविधाएं भी लगातार बेहतर कर रहे हैं

^बसाहट व ट्रैफिक बढ़ने के साथ सुविधाएं बढ़ाई। अब फोर लेन सर्विस रोड का प्रस्ताव भी है। पश्चिम व पूर्वी रिंग रोड की प्लानिंग कर काम शुरू कर रहे हैं। – एसके सिंह, रीजनल ऑफिसर

सर्विस रोड बनने से समस्या हल हो जाएगी ^बायपास पर लोकल ट्रैफिक को देखते हुए सर्विस रोड व कुछ अंडरपास चौड़ा करने के प्रस्ताव हैं। अतिक्रमण हटाने व सुविधाएं बढ़ाने लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। – आशीषसिंह, कलेक्टर​​​​​​​



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