News18 MP CG Exclusive: शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर उपमुख्यमंत्री से खास बातचीत

News18 MP CG Exclusive: शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर उपमुख्यमंत्री से खास बातचीत


1. आयुष्मान भारत योजना िे तहत मध्यप्रदेश मेंअब ति डितने लोगो ं िो लाभ
डमला हैऔर इसमेंराज्य सरिार िी भूडमिा डितनी अहम रही है?
जवाब- आयुष्मान भारत योजना विश्व के सिााविक लोकविय ििानमंत्री नरेंद्र मोदी जी
का एक भागीरथ ियास है. इसने देश के 50 करोड़ और मध्यिदेश के करीब 4.30
करोड़ लोगों को कै शलेस इलाज की सुवििा िदान कर कजा के बोझ तले दबने से
बचाया है. िदेश के 4.30 करोड़ लोग पांच लाख रुपए तक इलाज के उस भरोसे के
साथ सुकू न की नी ंद लेते हैं, वजसके वलए पहले उनको या तो ररश्तेदार,साहूकार के
सामने हाथ फै लाने पड़ता था या वफर घर, जमीन, गहने तक बेचने की नौबत आ जाती
थी. मध्यिदेश में अब तक 9,000 करोड़ रुपए से आयुष्मान योजना के तहत लाखों
लोगों को लाभान्वित वकया जा चुका है.

2. मध्यप्रदेश ने डहंदी मेंएमबीबीएस िी पढाई शुरू िर देशभर मेंएि नई
डमसाल पेश िी है — अब ति इस पहल िा क्या ररस्पॉन्स रहा हैऔर क्या
छात्र व फै िल्टी इसे सफल मान रहे हैं?
जवाब- कें द्रीय गृहमंत्री अवमत शाह जी के वनदेशन मेंमध्य िदेश मेंएमबीबीएस का
वहंदी मेंपाठ्यक्रम शुरू वकया गया.
एमबीबीएस की पढाई वहंदी माध्यम से कराने िाला मध्य िदेश, देश का पहला राज्य
है. िर्ा 2023 में इसकी शुरुआत हुई. ििानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मध्य िदेश के
पहल की सराहना की थी. एमबीबीएस की पढाई वहंदी माध्यम से कराने मेंमध्य
िदेश, देश के अन्य राज्यों के वलए नजीर बन रहा है. बड़ी संख्या में विद्याथी वहंदी
माध्यम से मेविकल की पढाई का विकल्प चुन रहे हैं. वहंदी माध्यम से पढाई में
विद्यावथायों और फै कल्टी को समस्या ना हो इसके वलए वहंदी में पाठ्यक्रम उपलब्ध
कराया गया. पढाई की लगातार समीक्षा की जा रही है और छात्रों से फीिबैक भी
वलया जा रहा है. मेविकल की पढाई वहंदी माध्यम से शुरू वकए जाने से क्षेत्रीय बोिा
के विद्यावथायों को बहुत फायदा हुआ है. िह पाठ्यक्रम को आसानी से समझ पा रहे
हैं.

3. आपिे िाययिाल मेंनए मेडििल िॉलेजो ं िी संख्या मेंइजाफा िरने िी
डदशा मेंिाम हुए, इससे प्रदेश िे ग्रामीण क्षेत्रो ं िी स्वास्थ्य सेवाओं मेंक्या
सुधार देखने िो डमल रहा है?
जवाब- िदेश में वचवकत्सा और वशक्षा व्यिस्था को सुदृढ बनाने की वदशा मेंयुद्ध
स्तर पर काम हो रहा है. तेजी से मेविकल कॉलेज खुल रहे हैं. मध्य िदेश में
ितामान में 30 मेविकल कॉलेज संचावलत हो रहे हैं. आने िाले दो िर्ों में 20 और
मेविकल कॉलेज खोले जाने का लक्ष्य है. इस तरह से मेविकल कॉलेजों की संख्या
50 हो जाएगी. िदेश के छात्रों को मेविकल की पढाई के वलए बाहर नही ं जाना
होगा. मेविकल कॉलेज की संख्या बढने से न के िल मध्य िदेश बन्वि देश में
िॉक्टरों की कमी पूरी होगी. मेविकल कॉलेज के खुलने से दू रस्थ ग्रामीण क्षेत्र को
लोगों को बेहतर वचवकत्सा सुवििा भी वमल रही है. उन्हें इलाज के वलए बड़े शहरों
की दौड़ नही ं लगानी पड़ रही. िह मेविकल कॉलेज के विशेर्ज्ञ वचवकत्सकों से
उपचार करा रहे हैं.

4. राज्य मेंिॉक्टरो ं और स्वास्थ्यिडमययो ं िी भारी िमी िा आरोप लगातार
डवपक्ष लगाता है — इस िुनौती से डनपटने िे डलए आप क्या िदम उठा रहे हैं?
जवाब- विपक्ष की ओर से अनगाल बयानबाजी की जाती है. िदेश मेंस्वास्थ्य सुवििाएं
बेहतर हुई हैं. मरीज को गुणित्तापूणा इलाज वमल रहा है. इसी िजह से मरीज
सरकारी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. उनको और बेहतर इलाज उपलब्ध कराए
जाने के उद्देश्य से सरकारी अस्पतालों मेंआउटसोवसिंग पर वचवकत्सा, विशेर्ज्ञ
वचवकत्सक और पैरामेविकल स्टाफ उपलब्ध कराए जा रहे हैं. आउटसोवसिंग के जररए
स्वास्थ्य कवमायों की भती के वलए टेंिर की िवक्रया शुरू कर दी गई है.

5. क्या सरिारी अस्पतालो ं मेंइलाज िी गुणवत्ता मेंसुधार लाने िे डलए िोई
डवशेष अडभयान िलाया जा रहा है?
जवाब- राज्य सरकार का ियास है वक ित्येक नागररक को सिोत्तम स्वास्थ्य सेिाएं
उपलब्ध कराई जाएं . इसी ियास का नतीजा है वक हमीवदया अस्पताल को 5 साल के
वलए नेशनल एक्रीविटेशलन बोिा फॉर हॉन्वस्पटल (एनएबीएच) की मान्यता वमली है.
सिााविक बेि संख्या मेंएनएबीएच मान्यता िाप्त िाले अस्पतालों मेंहमीवदया शीर्ा पर
पहुंच गया है. स्वास्थ्य सेिाओं के मानकों का मूल्ांकन करने के बाद एनएबीएच
मान्यता दी जाती है. बाकी मेविकल कॉलेजों में इस वदशा मेंकाया वकए जा रहे हैं.
साथ ही मेविकल कॉलेजों की लैब्स को नेशनल एक्रीविटेशन बोिा फॉर टेन्वस्टंग एं ि
कै वलब्रेवटंग लेबोटरीज (एनएबीएल) की मान्यता वदलाने के ियास वकए जा रहे हैं.
िही ं, िदेश मेंकु ल 348 स्वास्थ्य कें द्र हैं. इनमें 10,440 बेि हैं. िही ं, 161 वसविल
अस्पतालों में 11,225 बेि की उपलब्धता है. सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणित्ता
को बेहतर बनाने की वदशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. वनयवमत रूप से
स्वास्थ्य सुवििाओं की समीक्षा की जा रही है. अस्पतालों के वनरीक्षण भी वकया जा
रहे. िदेश के सरकारी मेविकल अस्पतालों में448 तरह की दिाइयां मुफ्त उपलब्ध
करने की व्यिस्था की गई है. इनमें अब कैं सर, मानवसक रोग ि कई तरह की नई
एं टीबायोवटक दिाइयों को भी शावमल वकया गया है. इससे पहले 161 तरह की
दिाइयां ही सूची में शावमल थी ं.

6. टेलीमेडिडसन और डिडजटल हेल्थ िािय जैसी तिनीिी पहलो ं िो मध्यप्रदेश में
डिस स्तर ति लागूडिया गया है?
जवाब – कें द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जी ने देश के सभी गरीब, शोवर्त, िंवचत,
दवलत और आवदिासी भाई बहनों को दू रस्थ इलाकों में इलाज की सुवििा उपलब्ध
कराने के वलए टेली मेविवसन पर विशेर् ध्यान देने पर बल वदया है. इसी कड़ी में
मध्यिदेश मेंभी हम टेलीमेविवसन के माध्यम से सभी िदेशिावसयों के वलए सुलभ
इलाज की समुवचत व्यिस्था करने की वदशा में अग्रसर है. इस सुवििा का लाभ
अविक से अविक मरीजों को वमले इसके वलए लगातार समीक्षा भी की जा रही है.
जून माह मेंही हमीवदया मेविकल कॉलेज मेंटेली मेविवसन सेिा शुरू कराई गई है.
इससे मरीज दू रस्थ गांि में न्वस्थत िाथवमक स्वास्थ्य कें द्रों के जररए विशेर्ज्ञ वचवकत्सकों
की सेिाएं ले रहे हैं. हर कं सल्टेशन पर मेविकल कॉलेज के िॉक्टर को ₹50 का
मानदेय वदया जा रहा है. िही ं, मि में वपछले एक साल में 68 लाख से अविक लोग
विवजटल हेल्थ कािा बनिा चुके हैं. पहले यह काम नेशनल विवजटल हेल्थ वमशन के
पास था, अब इसे आयुष्मान भारत के अंतगात विवजटल वमशन को सौंप वदया गया है.
विवजटल कािा बनाने के मामले मेंमध्यिदेश का देश में 9िां स्थान है.

7. आप उपमुख्यमंत्री भी हैं— तो स्वास्थ्य डवभाग िे साथ प्रदेश सरिार िे अब
ति िे िामिाज िो डितना सफल मानते हैं?
जवाब- िदेश सरकार वनिााररत लक्ष्य के रूप काम कर रही है. इसमेंसफलता भी
हावसल हो रही है. ििानमंत्री की अविकतर गारं टी को िदेश मेंपूरा करने का काम
वकया गया है. इससे जनता का भरोसा सरकार के िवत और बढा है. समाज के सभी
िगों के विकास की वदशा में काम वकया जा रहा है. चाहे िह नारी शन्वि हो या
वफर िदेश का युिा और बुजुगा. लाड़ली बहन योजना की रावश 1250 सौ से बढकर
₹1500 िवतमाह की जा रही है. इिेस्टसा मीट के जररए युिाओं के वलए रोजगार
सृजन की वदशा में लगातार ियास वकया जा रहे. बुजुगों को आयुष्मान योजना से
जोड़ा जा रहा है. वकसानों की फसलों को बेहतर दाम वदलाने के वलए महत्वपूणा
कदम उठाए जा रहे हैं.

8. मध्यप्रदेश मेंस्कू ली डशक्षा, उच्च डशक्षा िे बुडनयादी ढांिे मेंडितना बदलाव
आया है ?
जवाब- मध्यिदेश राष्ट्रीय वशक्षा नीवत 2020 के वक्रयाियन में अग्रणी राज्य है. यहां
वशक्षकों से लगातार संिाद कर वशक्षा को रोजगार से जोड़ने के ियास हो रहे हैं.
राष्ट्रीय वशक्षा नीवत मेंपाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार वकया गया है वक विद्याथी
उच्च वशक्षा में वजतने साल भी पढाई कर लेंउसे मूल्ांकन के बाद उस अिवि का
सवटावफके ट देने की व्यिस्था की गई है. मध्यिदेश में वजन स्थानों पर हिाई पट्टी है,
िहां पर युिाओं के वलए एविऐशन के कोसा िारं भ वकए गए हैं. आज के दौर के कई
व्यिसावयक कोसा की शुरूआत की गई है. िदेश मेंसंचावलत कम संख्या िाले
सरकारी स्कू लों जल्द ही राज्य के सांदीपवन विद्यालयों मेंमजा वकया जाएगा. इससे
वशक्षा की गुणित्ता बेहतर होगी. िदेश में 265 सांदीपवन स्कू लों के नए भिन बना रहे
हैं. इस साल 116 संदीपवन स्कू लों को नए भिनों में वशफ्ट वकया जाएगा.

प्रश्न 9. मध्य प्रदेश मेंपययटन डविास िी डितनी संभावनाएं हैंऔर इस डदशा
मेंक्या िदम उठाए जा रहे हैं?
जवाब- मध्य िदेश मेंपयाटन विकास की अपार संभािनाएं हैं. नाइग्रा फॉल की तरह
ही रीिा के पूिाा फॉल्स को विकवसत वकया जा सकता है. पयाटन को लेकर साउथ
एवशया की तरह मध्य िदेश में भी टू ररज्म बढाने की संभािनाओं पर काम वकया जा
रहा है. इसी कड़ी मेंलखनऊ और िाराणसी में रोि शो से इसकी शुरुआत की है.
इससे मध्यिदेश मेंभविष्य में रोजगार के भी बहुत से अिसर िाप्त होंगे. िदेश की
ओर पयाटकों का रुझान लगातार बढा रहा है.

10. ग्लोबल इन्वेस्टसय सडमट और रीजनल सडमट्स जैसे बड़े िाययक्रम मध्यप्रदेश
मेंहुए, इसिा लाभ डमल रहा है ?
जवाब – ग्लोबल और रीजनल इिेस्टर सवमट जैसे आयोजनों के बड़े अच्छे नतीजे
सामने आए हैं. 29 जून को गुजरात के सूरत मेंआयोवजत हुए इंटरएन्वक्टि सेशन में
वनिेशकों की ओर से मध्य िदेश में 15,710 करोड़ रुपए के वनिेश िस्ताि वदए गए.
इससे 11 हजार से अविक रोजगार सृवजत होगा.मुख्यमंत्री द्वारा िदेश में वनिेश संििान
के वलए देश-विदेश मेंकई कायाक्रम वकये गए है और अभी तक लगभग 1 लाख
वकलोमीटर की यात्रा की गई है. राज्य में 1 लाख एकड़ से अविक लैंि बैंक, 340 से
अविक इंिन्वस्टर यल पाका और हर सेक्टर के वलए विशेर्ीकृ त क्लस्टर विकवसत वकए
गए हैं– वजनमेंआईटी पाका, फू ि िोसेवसंग, गारमेंट्स, प्लान्वस्टक, टेक्सटाइल और फामाा
पाका शावमल हैं. राज्य की एमएसएमई नीवत और लॉवजन्वस्टक्स पॉवलसी ने उद्यवमता को
नई गवत दी है. नॉथा-साउथ कॉररिोर, राष्ट्रीय और अंतरााष्ट्रीय एक्सिेस-िे कनेन्वक्टविटी,
1000 वमवलयन क्यूवबक मीटर जल आपूवता क्षमता, वनबााि पॉिर की सप्लाई और 10 से
40 िवतशत तक की सन्वब्सिी राज्य को वनिेशकों के वलए आकर्ाक बनाती है. यहां
लैंि अलॉटमेंट की िवक्रया पूरी तरह से पारदशी, तेज और हेजल-फ्री है, वजससे
वनिेशकों को वबना वकसी रुकािट के िोजेक्ट शुरू करने का अिसर वमलता है.



Source link