Last Updated:
Pandit Dhirendra Krishna Shastri: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आज (4 जुलाई) जन्मदिन है. वह खूब सुर्खियों में रहते हैं. वह जहां भी कथा सुनाते हैं, वहां लाखों की भीड़ पहुंचती है. आज आपको बताते हैं, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ी कुछ खास बातें.
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छतरपुर जिले के रहने वाले हैं. धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ था. 4 जुलाई 2025 को धीरेंद्र शास्त्री 29 साल के हो गए हैं. फोटो में दिख रहे इसी पुराने घर में उनका जन्म हुआ और इसी घर में वह बड़े हुए.

गढ़ा गांव में बालाजी बागेश्वर भगवान हनुमान जी का प्राचीन मंदिर स्थित है. इसी मंदिर में बाबा बागेश्वर के दादा गुरु और संन्यासी बाबा हनुमान जी की भक्ति करते थे. इस प्राचीन मंदिर में दादा गुरु और संन्यासी बाबा का भी स्थान है. साथ ही यहां एक चमत्कारिक पेड़ भी लगा है, जिसे छूकर भक्तों के मन को शांति मिलती है. माना जाता है कि इस पेड़ को छूने से भूत-प्रेत की बाधा दूर होती है. बागेश्वर धाम में लोग देश-विदेश से आते हैं.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है. उनकी शादी को लेकर कई खबरें सामने आती रहीं लेकिन वह अविवाहित हैं.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई गढ़ा गांव के सरकारी स्कूल से की है. वह आर्ट्स से ग्रेजुएट हैं.

एक कथा वाचक के साथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म प्रचारक भी हैं. अक्सर वह हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु जगतगुरु रामभद्राचार्य हैं, जिन्हें 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बचपन गरीबी में बीता. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उन्होंने 12 साल की उम्र में ही कथा करना शुरू कर दिया था. वह दो भाई और एक बहन में सबसे बड़े हैं. उनकी छोटी बहन की शादी हो गई है वहीं उनके छोटे भाई का नाम शालिग्राम गर्ग है.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन में उन्हें दादा गुरु ने हनुमान जी का चमत्कार दिखाया था. इसके बाद हनुमान जी की ऐसी कृपा हुई कि आज सनातन धर्म का प्रचार-प्रचार विदेशों में भी कर रहे हैं.

हाल ही में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 25 दिन की विदेश यात्रा के बाद अपने घर लौटे हैं. वह ऑस्ट्रेलिया, फिजी और न्यूजीलैंड के दौरे पर थे. फिलहाल वह गढ़ा गांव में गुरु पूर्णिमा तक रुकेंगे.