अब भोपाल में कोबरा पुल नया खतरा! बारिश में बना हादसों का हॉटस्पॉट

अब भोपाल में कोबरा पुल नया खतरा! बारिश में बना हादसों का हॉटस्पॉट


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भोपाल में सुभाष नगर का कोबरा पुल इन दिनों हादसों का नया हॉटस्पॉट बन गया है. 90 डिग्री के अजीब मोड़ और गायब होते डिवाइडर्स के कारण यह ब्रिज हादसों का न्यौता दे रहा है. हाल ही में 8 घंटे में दो बड़े एक्सीडेंट हुए…और पढ़ें

भोपाल में सुभाष नगर ब्रिज को कोबरा पुल बताया जा रहा है.

हाइलाइट्स

  • भोपाल का खतरनाक सर्पीला डिज़ाइन वाला आरओबी
  • ओल्‍ड सुभाष नगर ब्रिज पर लगातार हादसे, उठे सवाल
  • ऐशबाग के 90 डिग्री वाले ब्रिज के बाद, नया विवाद
भोपाल. ऐशबाग में बन रहे 90 डिग्री वाले आरओबी के बाद अब एमपी की राजधानी में एक और ओवरब्रिज सुर्खियों में है—इस बार मामला है सुभाष नगर ओवरब्रिज का, जिसे अब लोग सोशल मीडिया पर ‘कोबरा पुल’ तक कहने लगे हैं. वजह साफ है—घुमावदार डिजाइन, अधूरे डिवाइडर और लगातार हो रहे हादसे. इस पुल की संरचना पर अब जनता ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक अफसर भी चिंता जता रहे हैं. हाल ही में इस पुल पर 8 घंटे के भीतर दो बड़े हादसे हुए. एक स्कूल वैन ब्रिज के अंतिम छोर पर बने डिवाइडर से टकरा गई, जिसमें बच्चे सवार थे. गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ. वहीं दूसरी घटना में एक कार अनियंत्रित होकर पलट गई.

सुभाष नगर ओवरब्रिज 690 मीटर लंबा है और इसे बनाने में कुल ₹40 करोड़ की लागत आई है. इसमें लोक निर्माण विभाग ने ₹28 करोड़ और रेलवे ने ₹12 करोड़ खर्च किए. ब्रिज की बनावट को लेकर स्थानीय लोग ‘सर्पीली रचना’ कहकर आलोचना कर रहे हैं—यह ऐसा है जैसे ब्रिज में अचानक कोबरा जैसा घुमाव आ जाए, जिससे चालक भ्रमित हो जाते हैं. साल 2024 में भोपाल में 3426 सड़क हादसों में 363 लोगों की मौत हुई. इन आंकड़ों ने ट्रैफिक और ब्रिज डिजाइन की खामियों की ओर इशारा कर दिया है.लोगों की मांग है कि पूरे ब्रिज पर डिवाइडर लगाया जाए और मोड़ों की रचना को फिर से परखा जाए, ताकि यह कोबरा ब्रिज, सुरक्षा की बजाय हादसों का जरिया न बन जाए.

डिवाइडर की अधूरी प्लानिंग
सबसे गंभीर चिंता डिवाइडर को लेकर है. पुल पर ट्रैफिक को अलग-अलग लेन में बनाए रखने के लिए डिवाइडर ज़रूरी होते हैं, लेकिन इस ब्रिज पर सिर्फ शुरुआत, मध्य और अंतिम छोर पर ही डिवाइडर हैं. बाकी हिस्से में वाहन मनमर्जी से चलते हैं और रफ्तार तेज हो तो सीधे हादसे का कारण बन सकते हैं. यही वजह रही कि स्कूल वैन डिवाइडर से टकराई.

ट्रैफिक-जाम और ब्लैकस्पॉट की लिस्ट में
ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अनुसार, भोपाल में कुल 16 ब्लैकस्पॉट चिन्हित किए गए हैं और सुभाष नगर ओवरब्रिज उनमें शामिल है. एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक विक्रम रघुवंशी ने बताया कि हादसों की रोकथाम के लिए सर्वे कर रिपोर्ट प्रशासन को भेजी जा चुकी है और विशेष कमेटी बनाई गई है.

जाम और रॉन्ग साइड की आफत
हर शाम 5 से 8 बजे तक ब्रिज पर भारी ट्रैफिक देखने को मिलता है. प्रभात चौराहे पर सिग्नल के बावजूद वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं. जब एक बार में वाहन नहीं निकल पाते तो कई लोग रॉन्ग साइड से निकलने की कोशिश करते हैं—जो कि दुर्घटनाओं को न्योता देने जैसा है.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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