असम राइफल्स के सैनिक की गूंज अमेरिका तक! अपर्णा ने गोल्ड मेडल जीत दुनिया में छोड़ी छाप

असम राइफल्स के सैनिक की गूंज अमेरिका तक! अपर्णा ने गोल्ड मेडल जीत दुनिया में छोड़ी छाप


Last Updated:

Ujjain News: धार्मिक नगरी उज्जैन में एक बेटी ने उज्जैन का गौरव बढ़ाया है. बेटी अर्पणा चौहान ने एक बार फिर देश का मान बढ़ाने का मौका हासिल किया है. अर्पणा ने अपनी मेहनत और लगन से कराटे में एक अलग पहचान बनाई और अमेरिका में गोल्ड मेडल जीता है.

धार्मिक नगरी उज्जैन में कई ऐसे अनगिनत सितारे छुपे हैं, जो समय-समय पर बाहर आकर देश दुनिया पर अपनी छाप छोड़ते हैं. ऐसे ही उज्जैन शहर की एक बिटिया ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी चर्चा हो रही है.

उज्जैन

बाबा महाकाल की नगरी की बेटी अर्पणा की यह उपलब्धि से केवल उज्जैन ही नहीं, बल्कि भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित हुआ है. यह प्रतियोगिता 27 जून से शुरू होकर 6 जुलाई तक चलेगी, जिसमें कई देशों से टीम ने भाग लिया है. अर्पणा भारतीय कराते टीम के लिए प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

उज्जैन

26 वर्षीय अर्पणा का परिवार सांई विहार कॉलोनी उज्जैन में रहता है. पिता रतनलाल चौहान बीएसएनल से सेवानिवृत्त हैं व माता शारदा चौहान हैं. अर्पणा ने 10वीं तक केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की है और कक्षा 8वीं से ही वे कराते का प्रशिक्षण ले रही हैं. साल 2018 से अर्पणा असम राइफल्स में खेल कोटा से सेवारत सैनिक हैं और इससे पहले भी कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत चुकी है.

उज्जैन

अर्पणा बचपन से होशियार रही हैं. आज के समय में जहां बच्चे सोशल मीडिया पर ध्यान लगाते हैं और कई लोग इससे अपनी पहचान भी बना लेते है. लेकिन अर्पणा नें अपनी मेहनत और लगन से कराते में एक अलग पहचान बनाई है. अब तक उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक जीते हैं.

उज्जैन

अर्पणा ने अपनी इस लगन और मेहनत का श्रेय के साथ अपनी जीत का श्रेय परिवार, असम राइफल्स और पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड को दिया और कहा मेडल सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि उन सभी का है जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा.

उज्जैन

इतना ही नहीं अब अर्पणा बड़े टूर्नामेंट्स की तैयारी में जुट गई हैं और कहा कि मुश्किलें आएंगी, पर हार मत मानो, क्योंकि मेहनत कभी धोखा नहीं देती.

उज्जैन

उज्जैनवासियों ने भी उनके लिए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं और प्रार्थना की है कि वह विश्व स्तर पर भारत का परचम लहराएं और स्वर्ण पदक के साथ लौटे. अर्पणा के पिता श्री रतन लाल चौहान और पूरे परिवार को उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है.

homemadhya-pradesh

असम राइफल्स के सैनिक की गूंज अमेरिका तक! गोल्ड मेडल जीत दुनिया में छोड़ी छाप



Source link