मिर्च में लगी हो कोई भी कीट, आसान है पहचानना…बस लगा दें इन दो रंगों के स्टिकी ट्रैप

मिर्च में लगी हो कोई भी कीट, आसान है पहचानना…बस लगा दें इन दो रंगों के स्टिकी ट्रैप


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Sticky Trap in Field: किसान अक्सर कीटों की पहचान नहीं कर पाते, जिससे समय पर दवा नहीं डाल पाते और फसल को भारी नुकसान हो जाता है. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने एक सरल और टिकाऊ उपाय बताया है. आइए ज…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • किसान मिर्च के खेत में 20 पीले और 20 नीले स्टिकी ट्रैप लगाएं.
  • पीले कार्ड सफेद मक्खी, एफिड्स और लीफ हॉपर को आकर्षित करते हैं.
  • नीले कार्ड थ्रिप्स और माइट्स जैसे सूक्ष्म कीटों के लिए प्रभावी हैं.
दीपक पांडेय/खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले को मिर्च उत्पादन के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है. यहां हजारों किसान खरीफ और रबी सीजन में मिर्च की खेती करते हैं. हालांकि, मिर्च एक ऐसी फसल है जिस पर मौसम के बदलाव के साथ-साथ कई प्रकार के कीट और रोगों का खतरा हमेशा बना रहता है. खासकर बरसात के मौसम में मिर्च पर थ्रिप्स, सफेद मक्खी, माइट्स जैसे सूक्ष्म कीटों का हमला तेज़ी से होता है.

लेकिन, किसान अक्सर इन कीटों की पहचान नहीं कर पाते, जिससे समय पर दवा नहीं डाल पाते और फसल को भारी नुकसान हो जाता है. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने एक सरल और टिकाऊ उपाय बताया है. खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ वैज्ञानिक डॉ. एसके त्यागी बताते है कि, इस तकनीक के तहत किसान को अपने खेत में कीट पहचान के लिए विशेष प्रकार के स्टिकी ट्रैप कार्ड लगाने होते हैं.

खेतों में लगाए स्टिकी ट्रैप कार्ड
किसान एक एकड़ खेत में 20 पीले और 20 नीले रंग के स्टिकी ट्रैप कार्ड लगाएं. ये कार्ड कीटों को आकर्षित करते हैं और उन पर चिपक जाते हैं, जिससे किसान यह जान सकते हैं कि किस प्रकार का कीट उनकी फसल को नुकसान पहुंचा रहा है. पीले कार्ड खासतौर पर सफेद मक्खी, एफिड्स (माहू) और लीफ हॉपर जैसे कीटों को आकर्षित करते हैं, जबकि नीले कार्ड थ्रिप्स और माइट्स जैसे सूक्ष्म कीटों के लिए प्रभावी हैं.

ट्रैप कार्ड लगाने का सही तरीका
कार्ड लगाने के लिए किसान को इन्हें जमीन से 1 से 1.5 फीट की ऊंचाई पर लकड़ी या बांस की डंडी में बांधकर खेत के अलग-अलग कोनों और बीच-बीच में लगाना चाहिए. हर हफ्ते कार्ड की जांच करें और यदि कार्ड पूरी तरह कीटों से भर जाएं तो उन्हें बदल दें. यह तरीका न केवल कीटों की पहचान में मदद करता है, बल्कि कीटों की संख्या को नियंत्रित करने में भी कारगर होता है.

खर्च घटेगा और उत्पादन बढ़ेगा
वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर समय रहते कीटों की पहचान हो जाए तो किसान सही कीटनाशक का चयन कर सकते हैं, जिससे फसल को बचाया जा सकता है और उत्पादन में गिरावट नहीं आती. इससे किसान का लागत खर्च भी घटता है और मुनाफा बढ़ता है. यह तकनीक किसानों के लिए एक सस्ती और सरल तरीका है, जिसे अपनाकर वे मिर्च की फसल को कीटों से बचाकर अधिक उत्पादन ले सकते हैं.

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