लाइटिंग से सजाकर निकाला दुलदुल।
शाजापुर में मोहर्रम के मौके पर एशिया के सबसे बड़ा दुलदुल का विशेष जुलूस निकाला गया। यह जुलूस शुक्रवार रात 12 बजे से शुरू होकर सुबह 5 बजे तक चला। मोहर्रम कमेटी के सदर इमरान खरखरे की देखरेख में जुलूस छोटा चौक से शुरू हुआ।
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यह सिंधी मार्केट, आजाद चौक, मीरकला बाजार, कसाईवाड़ा और किला रोड से होते हुए छोटा चौक पर समाप्त हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने इस जुलूस में हिस्सा लिया। दुलदुल को अकीदतमंदों के कंधों पर ले जाया गया।
जुलूस में दुलदुल को सजाकर निकाला गया।
मोहर्रम का त्योहार करबला में शहीद हुए रसूले पाक के नवासे और उनके साथियों की याद में मनाया जाता है। इस दस दिवसीय मातमी पर्व पर मुस्लिम समाज शोहदा-ए-करबला की याद में लंगर का आयोजन करता है। इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार हलीम का लंगर लगाया गया।
श्रद्धालुओं ने हजरत इमाम हुसैन की याद में दूध और शरबत का वितरण भी किया। मोहर्रम की आठवीं तारीख को परंपरागत रूप से निकाले जाने वाले इस जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।