सरकार ने सर्पदंश को इसी साल आपदा घोषित किया है। जिले में जुलाई माह की शुरुआत के साथ ही सांप के डंसने के केस बढ़ गए हैं। जिले में हर दिन लोग कहीं न कहीं नागराज के दंश का शिकार बन रहे हैं। पिछले 15 दिनों में जिले के अस्पतालों में 40 से ज्यादा स्नेक बा
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भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि झाड़-फूंक में समय गंवाने के कारण इलाज में देरी से 80 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही है। जिला प्रशासन ने बरसात में बिलों से निकलने वाले सांपों को सुरक्षित पकड़ने और दूसरों को भी इस कार्य में ट्रेन करने 3 अधिकृत स्नेक कैचर रखे हैं। तीनों मास्टर ट्रेनर का काम करेंगे। सांप पकड़ने के लिए स्टिक व अन्य संसाधन प्रशासन उपलब्ध करा रहा है।
जिला अस्पताल में पिछले साल 200 मरीज पहुंचे थे, जिसमें से 115 केस जुलाई से अक्टूबर के बीच के थे। बीएमसी में इस अवधि में 500 केस पहुंचे। 50 को वेंटिलेटर पर रखा गया। इस साल जहां जिला अस्पताल में 15 दिन में 10 तो बीएमसी में करीब 30 केस पहुंचे हैं। 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा इससे अधिक भी हो सकता है।
ऐसे भी केस सामने आए हैं, जिनमें लोगों ने झाड़-फूंक कराई और मौत होने पर अंत्येष्टि कर दी। सांप के अलावा गोहरे के काटने के केस भी आ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ममता तिमोरी ने बताया कि सर्पदंश की किसी भी स्थिति में मरीज को तुरंत उपचार मिल सके, इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को न्यूनतम तीन माह का एंटीवेनम स्टॉक उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए हैं।
यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज को त्वरित उपचार मिल सके। उन्होंने अपील की है कि यदि सर्पदंश की घटना होती है तो बिना समय गंवाए अपने नजदीकी शासकीय अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर इलाज कराएं।
एक्सपर्ट व्यू – डॉ. मनीष जैन, एसोसिएट प्रोफेसर, बीएमसी सागर
सांप के काटने पर पहला 1 घंटा गोल्डन आवर
बीएमसी में सर्पदंश के केस लगातार आ रहे हैं। बरसात में लोगों को सावधानी बरतना चाहिए। सांप या कोई अन्य जहरीले जीव-जंतु के काटने पर घरेलू उपचार या झाड़-फूंक में समय नहीं गंवाना चाहिए। सर्पदंश में पहला 1 घंटा गोल्डन आवर माना जाता है। इलाज शुरू होने पर जान बच सकती है। देखा गया है कि ग्रामीण इलाकों में लोग झाड़-फूंक के चक्कर में मरीज की हालत बिगाड़ लेते हैं। 70-80 फीसदी मामलों में ऐसा ही हो रहा है। जहरीले सांप के काटने पर न्यूरोटॉक्सिक जहर अंगों को पैरालाइज्ड करने लगता है। ऐसे में वेंटिलेटर सपोर्ट से जान बचाई जा सकती है।
कलेक्टर बोले– अधिकृत स्नेक कैचर दूसरों को सांप पकड़ना सिखाएंगे, लोग सांपों को मारें नहीं
कलेक्टर संदीप जीआर का कहना है कि सर्पदंश के केस बढ़ गए हैं। बरसात में सांप का बिलों से बाहर निकलना सामान्य है। कई बार लोग सांप दिखने पर उसे मार देते हैं। सांपों को सुरक्षित तौर पर पकड़कर उन्हें जंगल में छोड़ने का काम कुछ लोग पहले से करते आ रहे हैं। हमने ऐसे अनुभवी 3 स्नेक कैचर को ट्रेनर के रूप में अधिकृत किया है, जो कि दूसरों को सांप पकड़ना सिखाएंगे। स्टिक और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम वैक्सीन उपलब्ध है।