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NEET, MBBS BDS Admission: हिन्दी में एमबीबीएस या बीडीएस की पढ़ाई करने वालों के लिए खुशखबरी है.ऐसे स्टूडेंटस को सरकार दो लाख तक ईनाम देगी. इसके अलावा उन्हें परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी तक की छूट मिलेगी.
NEET, MBBS Admission, BDS: हिन्दी में एमबीबीएस बीडीएस करने वालों को ईनाम.
हाइलाइट्स
- हिन्दी में MBBS, BDS वालों को ईनाम.
- मध्य प्रदेश सरकार की योजना.
- दो लाख तक का मिलेगा पुरस्कार.
MBBS Student Benefits: स्टूडेंट्स के लिए बड़े फायदे
परीक्षा शुल्क में 50% छूट: अगर आप हिंदी में MBBS या BDS की परीक्षा देंगे तो शुल्क आधा हो जाएगा.इससे आपका पैसा बचेगा और मेडिकल की महंगी पढ़ाई का बोझ हल्का होगा.
टॉप करने पर 2 लाख तक का इनाम: पूरा कोर्स में हिंदी में टॉप करने पर 2 लाख रुपये, दूसरा 1.5 लाख, तीसरा 1 लाख, और चौथा 50 हजार रुपये मिलेंगे.हर साल या प्रोफेशन में टॉप करने वालों को भी 1 लाख से लेकर 25 हजार रुपये तक का पुरस्कार मिलेगा. यह पैसा आप अपनी पढ़ाई या भविष्य के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
हिंदी में आसान और कंफर्टेबल पढ़ाई: अब मध्य प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में किताबें और कक्षाएं उपलब्ध हैं. इससे हिंदी मीडियम के स्टूडेंट्स को समझने में आसानी होगी और बड़े डॉक्टर बनने का सपना आसान लगेगा.
खास सुविधाएं: विश्वविद्यालय ने हिंदी में पढ़ाने वाले टीचर्स की ट्रेनिंग की व्यवस्था की है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त क्लासेस भी लगेंगी ताकि पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए.
कैसे होगा यह संभव?
हिंदी माध्यम में परीक्षा देने वाले को हर सुविधा
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि हम नहीं चाहते कि भाषा प्रतिभा की राह में बाधा बने. हिंदी में पढ़ाई से ग्रामीण और हिंदीभाषी स्टूडेंट्स को मौका मिलेगा. यह योजना उनके सम्मान और स्वाभिमान की पहचान है.उन्होंने बताया कि टीचर्स को ट्रेनिंग और स्टूडेंट्स के लिए समाधान क्लासेस की व्यवस्था होगी, ताकि पढ़ाई में कोई परेशानी न हो. उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना,जहां हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई. वर्तमान में प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम की पुस्तकें प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक पूरी संख्या में उपलब्ध हैं, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं. उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह योजना केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह उन विद्यार्थियों के लिए सम्मान और स्वाभिमान की पहचान है जो हिंदी माध्यम में दक्ष हैं. उन्होंने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर को प्रदेश के सभी संबद्ध मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों को हिंदी माध्यम में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.कॉलेज ऐसे विद्यार्थियों की सूची विश्वविद्यालय को भेजेंगे जो स्वेच्छा से हिंदी में परीक्षा देना चाहते हैं. कक्षाओं और प्रायोगिक सत्रों में उपयुक्त व्यवस्था के साथ हिंदी के परीक्षकों की अनुशंसा की जाएगी.
कैसे उठाएं फायदा?
– परीक्षा शुल्क में छूट के लिए कॉलेज को बताएं कि आप हिंदी में एग्जाम देंगे.
– मेहनत करें और टॉप करने की कोशिश करें-इनाम आपका इंतजार कर रहा है.
– जरूरत पड़ने पर मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर से संपर्क करें.
स्टूडेंट्स के लिए टिप्स
यह मौका मध्य प्रदेश के हिंदी मीडियम स्टूडेंट्स के लिए गेम चेंजर है. मेडिकल की पढ़ाई महंगी है, लेकिन यह छूट और इनाम आपके सपनों को आसान बनाएंगे. मेहनत से टॉप करें और डॉक्टर बनने का सपना पूरा करें. अभी से तैयारी शुरू करें, वक्त न गंवाएं.
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य… और पढ़ें