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पंचायत वेब सीरीज की सफलता ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के महोड़िया गांव को खास बना दिया है. सीरीज में दिखाया गया रील का ‘फुलेरा’ ; रियल में यहीं इसी गांव में है. भोपाल, इंदौर समेत कई शहरों से लोग महोड़िया पहुंच…और पढ़ें
भोपाल से आई नीलम को गांव के नजारे बहुत प्यारे लगे.
हाइलाइट्स
- सीहोर का महोड़िया गांव बना पर्यटन हब
- पंचायत वेब सीरीज शूटिंग से चर्चा बढ़ी
- पर्यटक और यूट्यूबर पहुंच रहे हैं गांव
पंचायत सीरीज में दिखाया गया ‘फुलेरा’ दरअसल यहीं शूट हुआ है- गांव की पानी की टंकी, मंदिर, खेतों के किनारे लगे पेड़, सरपंच जी का घर और पिछली गलियों में फैली कच्ची पगडंडियां, सब कुछ हूबहू अब दर्शकों के लिए ‘सेल्फी स्पॉट’ बन चुके हैं. वह पुराना हैंडपंप यहां नहीं है; उसे शूटिंग के समय ही लगाया जाता है. बाहर से आने वाले लोग गांव में असली पानी की टंकी पर चढ़कर गांव के नजारे देखते हैं और खुद को पंचायत सीरीज के दृश्यों से जोड़ने की कोशिश करते हैं.
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, पंचायत की शूटिंग ने न सिर्फ उनके गांव को पहचान दिलाई, बल्कि उन्हें रोजगार और नई उम्मीदें भी दीं. गांव के बच्चों को भी सीरियल में छोटी भूमिकाएं मिलीं जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. महोड़िया के ग्रामीणों का कहना है कि अब रोजाना पर्यटक आते हैं, कोई फुलेरा की गलियों में घूमता है तो कोई वहीं बैठकर डायलॉग बोलता है. भोपाल से आई एक पर्यटक शिवानी बताती हैं कि “ये गांव जितना स्क्रीन पर प्यारा दिखता है, असल में उससे भी ज्यादा सुंदर है.” इस बढ़ती लोकप्रियता को देखकर देशभर के यूट्यूब क्रिएटर्स भी इस लोकेशन को हिट बनाने में जुटे हैं. पंचायत वेब सीरीज ने भारतीय वेब कंटेंट की दिशा तो बदली ही है, साथ ही ग्रामीण भारत की संभावनाओं को एक नई उड़ान भी दी है.
शूटिंग लोकेशन देखकर बिहार और भोपाल से पहुंचे पर्यटक खुश हो गए.
कैमरा ने साधारण दृश्यों को असाधारण बनाया
ग्रामीण हुकुम सिंह, पर्यटक आकाश मेवाड़ा, रामभजन ने बताया कि पंचायत वेबसीरीज की कहानी जिस ग्राम पंचायत ‘फुलेरा’ के इर्द-गिर्द घूमती है, वह असल में मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का महोड़िया गांव है. यह गांव सीहोर मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर स्थित है, लेकिन वेबसीरीज की लोकप्रियता ने इसे देशभर में चर्चित बना दिया है. पहले सीजन की शूटिंग से पहले महोड़िया एक सामान्य सा गांव था, जहाँ की गलियाँ, मंदिर, हैंडपंप और पुरानी पानी की टंकी आम ग्रामीण जीवन का हिस्सा थीं. लेकिन ‘पंचायत’ की कैमरा आंख ने इन साधारण दृश्यों को असाधारण बना दिया. दर्शकों को इन लोकेशनों में असली भारत की झलक मिली – जहाँ सरपंच जी का घर है, सचिव जी की साइकिल, बच्चों की शरारतें और ग्रामवासियों की छोटी-छोटी चिंताएं, जो हर गांव में होती हैं.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें