पिता चाहते थे बेटा सरकारी नौकरी करे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था

पिता चाहते थे बेटा सरकारी नौकरी करे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था


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आकाश दीप इनदिनों में चर्चा में हैं. भारतीय तेज गेंदबाज इंग्लैंड में है.जहां उसने अपनी जादुई ‘गेंदबाजी’ से सबको हक्का बक्का कर दिया है. दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में आकाश दीप ने अपनी धारदार गेंदबाजी से मेजबान टी…और पढ़ें

आकाश दीप की स्टोरी संघर्षों से भरी रही है.

हाइलाइट्स

  • आकाश दीप ने जादुई गेंद पर रूट को किया क्लीन बोल्ड
  • जसप्रीत बुमराह की जगह आकाश दीप को मिला मौका
  • पिता और भाई को 6 महीने के भीतर इस गेंदबाज ने खो दिया था
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज आकाश दीप इंग्लैंड में अपनी ‘जादुई’ गेंदबाजी से खूब वाहवाही लूट रहे हैं.दाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में जो रूट को क्लीन बोल्ड कर मेजबान बल्लेबाजी की जड़ें हिला दी. एजबेस्टन टेस्ट में में आकाश दीप लगातार स्टंप पर गेंदबाजी कर रहे हैं जिससे वो विकेट लेने में सफल हो रहे हैं. उन्हें जसप्रीत बुमराह की जगह प्लेइंग इलेवन में मौका मिला और इस गेंदबाज ने इसे लपक लिया. आकाश दीप का क्रिकेट का बहुत मुश्किलों भरा रहा है. उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे. वो आकाशदीप को कॉन्स्टेबल या बिहार सरकार में चतुर्थ कर्मचारी के रूप में भी सरकारी नौकरी करते हुए देखना चाहते थे लेकिन आकाश दीप की किस्मत को कुछ और मंजूर था.

आकाश दीप (Akash Deep) को क्रिकेट खेलने में मन लगता था. उन्होंने पिता के कहे अनुसार कई बार सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाएं भी दी. वह परीक्षा देने जब जाते थे तब वो सवाल का जवाब लिखने के बजाय वह उत्तर पुस्तिका को खाली छोड़कर आ जाते थे. 15 दिसंबर 1996 में बिहार के सासाराम में जन्मे आकाश दीप का जब सेलेक्शन टीम इंडिया में पहली बार हुआ था तब उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने जीवन की वो घटना बताई थी जिससे उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया. वह शुरुआत में नौकरी की तलाश में सासाराम से बंगाल के दुर्गापुर चले गए. जहां उनके चाचा रहते थे. चाचा की मदद से उन्हें वहां नौकरी मिल गई. इसके बाद उन्होंने वहीं पर स्थानीय क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट की ट्रेनिंग शुरू की. इसके कुछ समय बाद ही उनके पिता को स्ट्रोक आया और देहांत हो गया . ठीक दो महीने बाद उनके बड़े भाई भी इस दुनिया में नहीं रहे.आकाश दीप पर दुखों का पहाड़ टूट गया.

परिवार की जिम्मेदारी आकाश के कंधों पर

पिता और बड़े भाई के देहांत के बाद आकाश दीप पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई. उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं था. इसी वजह से उन्होंने क्रिकेट छोड़ दी. 3 साल बाद उन्हें फिर अहसास हुआ कि क्रिकेट ही उनकी जिंदगी है जिसके बिना वो रह नहीं सकते. क्रिकेट की चाहत ने उन्हें फिर दुर्गापुर की अकादमी में खिंच लाई. आकाश दीप को सबसे पहले बंगाल अंडर 23 टीम में मौका मिला. इसके बाद वो दुर्गापुर से कोलकाता चले गए और औ वहां किराये के मकान में रहने लगे. कुछ समय बाद उन्हें बंगाल की रणजी टीम में मौका मिला और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

2022 में मिला आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट

कुछ समय बाद उन्हें आईपीएल का कॉन्ट्रेक्ट मिला.आईपीएल में वह पहली बार आरसीबी का हिस्सा बने. साल 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आकाश दीप को 20 लाख में अपने साथ जोड़ा.इसके बाद उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाई. आकाश दीप टीम इंडिया के वर्तमान में सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक हैं. आईपीएल में वह 14 मैचों में 10 विकेट ले चुके हैं. इस समय वह लखनउ सुपर जॉयंट्स टीम में हैं.

ड्रीम डिलीवरी पर जो रूट को भेजा पवेलियन

आकाश दीप ने जो रूट को दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में एक ड्रीम डिलीवरी पर आउट किया. चोट से वापसी कर रहे आकाश दीप की इस गेंद का रूट के पास जवाब नहीं था.आकाश दीप जिस गति से दौड़कर गेंद डाल रहे हैं उसे देखना सुखद अहसास है. उनकी गेंदबाजी की तारीफ टीम इंडिया के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्कल और साथ तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज कर चुके हैं. एजबेस्टन टेस्ट से पहले आकाश दीप ने 7 टेस्ट मैचों में 15 विकेट लिए है . 38 फर्स्ट क्लास मैचों में आकाश दीप के नाम 128 विकेट दर्ज हैं.

Kamlesh Raiचीफ सब एडिटर

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें

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