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Khandwa News: सांपों को रेस्क्यू करने वाले शेख मुबारिक ने लोकल 18 से कहा कि जैसे ही स्कूल से फोन आया कि क्लास में सांप देखा गया है, वह तुरंत स्कूल पहुंचे लेकिन तब तक सांप क्लास से निकलकर स्कूल की किचन में चला ग…और पढ़ें
गांव के इस स्कूल में 500 से 600 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. घटना के समय स्कूल में सामान्य कक्षाएं चल रही थीं और आधा दिन बीत चुका था. कक्षा के भीतर बैठे एक बच्चे की नजर जैसे ही सांप पर पड़ी, उसने बाकी बच्चों को बताया और सभी दौड़ पड़े. शिक्षकों ने तत्परता दिखाई और सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. सूचना मिलते ही स्कूल की प्रिंसिपल मैडम ने खंडवा के खिराला गांव के निवासी शेख मुबारिक को फोन किया. शेख मुबारिक सांपों को बचाने और उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम करते हैं. जैसे ही उन्हें खबर मिली, वह बिना देर किए खिराला स्कूल पहुंचे.
मिट्टी के बिल में घुस गया सांप
शेख मुबारिक ने लोकल 18 को बताया कि जैसे ही स्कूल से फोन आया कि सांप क्लास में देखा गया है, वह तुरंत वहां पहुंचे लेकिन तब तक सांप क्लास से निकलकर स्कूल की किचन की तरफ चला गया था. खाना बनाने वाली बाई बुरी तरह घबरा गईं और पूरे स्टाफ और छात्र-छात्राओं में डर बैठ गया. किचन में भीड़ जमा हो गई थी, सब लोग बाहर आ चुके थे. उन्होंने पहले देखा कि सांप मिट्टी के एक बिल में घुस चुका था, जहां से उसे निकालना आसान नहीं था. उन्होंने बिना किसी हड़बड़ी के एक घंटे तक खुदाई की और कोबरा को सुरक्षित रेस्क्यू किया. इसके बाद उसे एक प्लास्टिक की टंकी में बंद कर सुरक्षित जंगल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि वह एक बेहद जहरीली प्रजाति का सांप था लेकिन जब तक उसे छेड़ा न जाए, तब तक वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल
इस घटना के बाद अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है. स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. बच्चे स्कूल आने से डरने लगे हैं. कुछ अभिभावकों ने कहा कि स्कूल की दीवारें टूटी-फूटी हैं, जिसकी वजह से जंगल या खेतों से जानवर और सांप स्कूल में घुस सकते हैं. प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग की जा रही है कि स्कूल परिसर की नियमित जांच की जाए, दीवारें पक्की कराई जाएं और ऐसी किसी भी घटना से निपटने के लिए शिक्षक-स्टाफ को ट्रेंड किया जाए. इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम कितने जरूरी हैं. साथ ही शेख मुबारिक जैसे जागरूक नागरिकों की पहल यह दिखाती है कि समाज में कुछ लोग निस्वार्थ भाव से दूसरों की सुरक्षा में जुटे रहते हैं. अगर समय रहते सांप को नहीं पकड़ा जाता, तो यह मामला गंभीर हो सकता था. ऐसे में जरूरी है कि स्कूलों में सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जाए, खासकर बरसात के मौसम में जब सांपों का खतरा ज्यादा रहता है.