बार-बार धंसकी ‘चेतकपुरी-महल रोड’, भोपाल से पहुंचा जांच दल: ग्वालियर में सड़क देखकर बोले- पानी भरने से धंसकी, ठेकेदार जिम्मेदारी से नहीं बच सकता – Gwalior News

बार-बार धंसकी ‘चेतकपुरी-महल रोड’, भोपाल से पहुंचा जांच दल:  ग्वालियर में सड़क देखकर बोले- पानी भरने से धंसकी, ठेकेदार जिम्मेदारी से नहीं बच सकता – Gwalior News


भोपाल से आए जांच दल के अधिकारी शहर की सड़क का निरीक्षण करते हुए।

ग्वालियर में बार-बार धंसक रही चेतकपुरी सड़क (महल रोड) की जांच के लिए रविवार को भोपाल से नगरीय प्रशासन विभाग का दो सदस्यीय दल पहुंचा। रविवार को जांच दल ने उन स्थानों का निरीक्षण किया, जहां-जहां सड़क धंसी है। इसके बाद दल ने शहर की अन्य सड़कों की भी जां

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जांच दल के अधिकारियों ने बताया कि वे अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सड़क पर बारिश के पानी की निकासी के लिए पर्याप्त ढलान नहीं है, जिस कारण पानी भरने से सड़क बार-बार धंस रही है।

जब जांच दल से ठेकेदार की एक चिट्‌ठी सामने आने की बात और उसमें एक महीने पहले सड़क धंसकने की आशंका पर जांच दल ने कहा है कि पत्र लिखने से ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है।

इस तरह सड़क पर हो गए थे बड़े-बड़े गड्‌ढे।

भोपाल से आई टीम ने देखी महल-चेतकपुरी रोड रविवार को नगरीय प्रशासन भोपाल से जांच दल ग्वालियर पहुंचा है। नगरीय प्रशासन से ईएंडसी (इंजीनियर इन चीफ) प्रदीप एस मिश्रा, NHAI (नेशनल ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) के पूर्व महानिदेशक आईके पांडेय ग्वालियर आए हैं। रविवार दोपहर यह चेतकपुरी-महल रोड पर पहुंचे और यहां हर वह पॉइंट चेक किया, जहां बार-बार सड़क धंसक रही है। यहां बारीकी से निरीक्षण किया है।

जांच दल ने सबसे पहले पाया है कि यहां सड़क तो बना दी गई, लेकिन सड़क पर बरसाती पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क किनारे जो नाली हैं। उसकी तरफ सड़क की ढलान नहीं है। यही कारण रहा कि रात भर पानी गिरा और सड़क में बैठता चला गया, जिस कारण वह धंसक गई।

दो इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदार को बचाने की तैयारी

इस पूरे मामले में जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट के निर्देश के बाद दो इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन ठेकेदार पर मंत्री से लेकर अधिकारी तक कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। एक दिन पहले ठेकेदार के कुछ पत्र भी वायरल हुए हैं, जिसमें एक महीने पहले ही उसने सड़क के धंसकने की बात कही थी, लेकिन इतना कहने भर देने से ठेकेदार की जिम्मेदारी कम नहीं होती है। जब सड़क के लिए बेस तैयार नहीं था तो ठेकेदार ने सड़क क्यों डाली। जब उसे पता था कि यह धंसकेगी तो काम क्यों किया? यह सवाल जांच दल भी अपनी रिपोर्ट में उठाएगा।

दो दिन पहले प्रभारी मंत्री सिलावट ने किया था निरीक्षण।

दो दिन पहले प्रभारी मंत्री सिलावट ने किया था निरीक्षण।

ऐसे समझिए पूरा मामला ग्वालियर कुलदीप नर्सरी (चेतकपुरी) से एजी ऑफिस पुल रोड बार-बार धंसक रही है और नीचे गुफा नजर आने लगी है। पिछले 12 दिनों में ये रोड जब भी बारिश हुई है, धंसकी है। अब तक 8 बार ऐसा हो चुका है। निगम के इंजीनियरों की निगरानी में साढ़े चार करोड़ लागत की इस रोड का 50% भुगतान भी हो चुका है।

घटिया सड़क निर्माण का यह मामला प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी मुद्दा बनता जा रहा है। इसके जरिए विरोधी स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर निशाना साध रहे हैं। निगम ने अभी तक स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम पर काम करने वाली जैन एंड राय कंपनी को 12 करोड़ और रोड निर्माण करने वाली हाकिम शमां की एचएनएस कंपनी को दो करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। टेंडर में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का कार्य 14.50 करोड़ और सड़क निर्माण का ठेका 4.09 करोड़ रुपए में दिया था।

बार-बार सड़क धंसकने के तीन कारण

चेतकपुरी रोड (महन रोड) के बार-बार धंसकने के 3 मुख्य कारण है। जिन पर अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया। यहां लाइन डालने के लिए सड़क को खोदा गया, लेकिन खोदने के बाद चिकनी हो चुकी मिट्टी से वापस भराव कर दिया।

जबकि इसका भराव मुरम से करना था। मिट्टी के भराव के बाद उसे सामान्य तरीके से रोलर चलाकर कॉम्पेक्शन किया गया। जबकि इसके लिए वाइ बेटिंग तकनीक का यूज होना था। कुटाई का रिजल्ट सड़क पर 98% होना चाहिए। एक पानी गिरने के बाद जब मिट्‌टी अंदर दब जाती तो सड़क बनती।

प्रोजेक्ट में क्या-क्या था? – स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट की लागत 18.31 करोड़ रुपए थी। – टेंडर के बाद बाद तय की गई कीमत 14.50 करोड़ रुपए रही। – अगस्त 2024 तक काम पूरा करना था। – 2000 मिली मीटर पाइप डाला गया था। – गहराई 4 से 7 मीटर की जगह के हिसाब से रहेगी। – कुलदीप नर्सरी से फूलबाग चौपाटी तक रोड निर्माण 2800 मीटर।

हम जांच करने के बाद बैठक कर शासन को सौंपेंगे रिपोर्ट इस मामले में जांच दल के प्रभारी इंजीनियर इन चीफ नगरीय प्रशासन भोपाल, प्रदीप एस मिश्रा ने कहा है कि हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं। इसके बाद बैठक कर विचार विमर्श किया है। हम अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे।



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